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फ्रांस के राजदूत ने काशी के कला संस्कृति जगत से जुड़े लोगों संग किया संवाद

फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लिनैन ने कहा कि फ्रांसीसी दूतावास का उद्देश्य है कि भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में संस्कृति एवं कला जगत से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा मिले।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 04:40 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 10:20 PM (IST)
फ्रांस के राजदूत ने काशी के कला संस्कृति जगत से जुड़े लोगों संग किया संवाद
फ्रांस के राजदूत ने काशी के कला संस्कृति जगत से जुड़े लोगों संग किया संवाद

वाराणसी, जेएनएन। भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लिनैन के वाराणसी आगमन पर सोमवार को उन्होंने अस्सी स्थित होटल गैंजेस व्यू में कला प्रकाश और इंटैक वाराणसी के तत्वावधान में काशी के कला संस्कृति जगत से जुड़े लोगों से संवाद किया। उन्होंने बताया कि फ्रांसीसी दूतावास का उद्देश्य है कि भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में संस्कृति एवं कला जगत से जुड़ी गतिविधियों को भारत एवं फ्रांस के साझे सहयोग से बढ़ावा दिया जाए। डॉ बेटिना बामर ने बीते दशकों में काशी में आए परिवर्तनों से जुड़ी बातें बताते हुए कहा कि काशी को आनन्द वन कहा जाता था, वर्तमान में भी उसी प्रकार यहां के वातावरण एवं धरोहरों की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। मुदिता अग्रवाल कपूर ने फ्रेंच राजदूत को वाराणसी के घाटों एवं प्राचीन मन्दिरों के आर्किटेक्चर के विषय में बताते हुए उनके संरक्षण में सहयोग हेतु सुझाव दिए।

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डॉ अनुराधा रतूड़ी ने फ्रांस एवं भारत के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान को बढ़ावा देने की बात करते हुए फ्रांस के सहयोग से वाराणसी में विलुप्त होती संगीत एवं कला की परम्पराओं को सहेजने के उद्देश्य से कंजर्वेटरी के निर्माण का प्रस्ताव रखा। शशांक सिंह ने फ्रांस के सहयोग से कई वर्ष पूर्व मुद्रित काशी की धरोहरों पर आधारित पुस्तक के पुनमुद्रण का सुझाव दिया। प्रो. प्रदोष मिश्रा ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में फ्रांस के कला संस्कृति से जुड़े विद्वानों के व्याख्यान साझे सहयोग द्वारा कराए जा सकते हैं। फ्रेंच राजदूत के साथ उनकी सलाहकार ओलिविया बेल्मेर भी उपस्थित रहीं। संयोजन इंटैक वाराणसी के संयोजक अशोक कपूर ने किया।

गंगा में गिरने वाले नालों और सीवेज पंपिंग स्टेशन के बारे में जानकारी ली

फ्रांस के राजदूत इम्मानुएल लुना ने सोमवार को राजघाट से अस्सी तक पर्यटन विभाग के नाव जलज से घाटों की रौनक देखी। साथ ही गंगा में गिरने वाले नालों और सीवेज पंपिंग स्टेशन के बारे में जानकारी ली। उन्होंने गंगा को साफ करने के भारत सरकार के प्रयास की सराहना की। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उन्हें दीनापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट देखने जाना था लेकिन अंतिम समय में उनका वहां जाने का कार्यक्रम स्थगित हो गया।

पर्यटन विभाग के नाव में लगी प्रदर्शनी में काशी की सांस्कृतिक विरासत को देखकर वे अभिभूत हुए। उन्होंने इसकी काफी सराहना की। जल निगम के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि कब गंगा के निर्मलीकरण के प्रयास किए गए थे और कब तक यह पूरा हो जाएगा।  उनके साथ नगर निगम के अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार और जल निगम के अधिकारी उपस्थित थे। फ्रांस के राजदूत ने नमामि गंगे परियोजना के तहत वाराणसी में किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी ली। राजघाट पर नमामि गंगे (गंगा विचार मंच), वन विभाग, 39 जीटीसी गोरखा बटालियन, गंगा प्रहरी, जायका ने राजदूत का स्वागत और अभिनंदन किया। नमामि गंगे गंगा विचार मंच के संयोजक एवं नगर निगम वाराणसी के ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने गंगा निर्मलीकरण हेतु किए जा रहे हैं कार्यों की विस्तृत रूप से जानकारी दी ।

भारत में फ्रांस के राजदूत ने किया बीएचयू का दौरा

भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुयल लेनियां सोमवार को कुलपति प्रो. राकेश भटनागर से मुलाकात कर बीएचयू व फ्रांस के विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग बढ़ाने को लेकर व्यापक विचार-विमर्श हुआ। कुलपति प्रो. भटनागर में फ्रांस के राजदूत को बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय भारत के सबसे प्रतिष्ठित विवि में से एक है। यहां पर दुनियाभर के लोग अध्ययन के लिए आते हैं। उन्होंने विवि की तमाम ख्यात उपलब्धियों के बारे में उनको अवगत कराया। इस बीच राजदूत इमैनुयल नेफ्रांसीसी अध्ययन विभाग व विवि में पढ़ रहे फ्रांस के छात्रों के बारे में जानकारी ली, साथ ही विभाग दौरा भी किया।


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