गाजीपुर में तिरंगे काे देखकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की खामोशियां भी बोल पड़ीं Gazipur news
गाजीपुर जिले में जहां पर तीन वर्षों से बोलने से लाचार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की आवाज तिरंगा देखते ही लाैट आई।
गाजीपुर, जेएनएन। तिरंगे में कुछ तो बात है जो गर्व और अभिमान से हर भारतीय को भर देता है। जी हां, कुछ ऐसा ही मामला सामने आया गाजीपुर जिले में जहां पर तीन वर्षों से बोलने से लाचार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की आवाज तिरंगा देखते ही लाैट आई। वे गाजीपुर जिले के कुछ चर्चित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में से एक हैं।
मामला गाजीपुर जिले में खानपुर थानाक्षेत्र के हथौड़ा गांव का है जहां के निवासी एक सौ दस वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरवन यादव ने तिरंगे झंडे को देखकर तीन साल बाद अचानक ही बोल पड़े। पिछले तीन सालों से बोलने और चलने में असमर्थ सरवन यादव हर स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर तिरंगे झंडे को सलामी देते हैं। उनकी अस्वस्थता को देखते हुए परिजन उनके बिस्तर के पास ही ध्वजारोहण करते हैं और सरवन जी बिस्तर पर बैठे बैठे ही सलामी देते हैं।
बुधवार को तैयारी के दौरान जब उन्हें पंद्रह अगस्त के बारे में बताया जा रहा था उसी समय तिरंगा झंडा देखते ही अचानक भारत माता की जय बोल पड़े। यह देखकर परिजनों के खुशी का ठिकाना नही रहा। परिवार वालों ने कहा कि बड़ी मुश्किल से कुछ समझा पाने वाले दादाजी के अचानक बोल देने से हमलोग चकित हैं। फिर टूटी फूटी भाषा में रामायण की पंक्तियां और गीता का सार का वर्णन किए। कक्षा तीन तक पढ़े सरवन यादव किसी जमाने मे हिंदी के साथ उर्दू और संस्कृत फर्राटे के साथ बोलते थे।