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माता पिता की कोविड से हुई मौत तो बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में प्रति माह चार हजार

मुख्यमंत्री बालसेवा योजना के अंतर्गत कोविड-19 महामारी में आने वाले ऐसे सभी बच्चों जिनके माता-पिता अथवा दोनों की संक्रमण से मृत्यु हो गई है और इन बच्चों के कोई करीबी अभिभावक न हो अथवा होने के बाद भी वह उसे अपनाना न चाहे या अपनाने में सक्षम न हों।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 06:05 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 06:05 AM (IST)
माता पिता की कोविड से हुई मौत तो बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में प्रति माह चार हजार
भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की पूरी व्यवस्था सरकारी खर्च पर की जाएगी।

आजमगढ़, जेएनएन। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बालसेवा योजना के अंतर्गत कोविड-19 महामारी में आने वाले ऐसे सभी बच्चों, जिनके माता-पिता अथवा दोनों की संक्रमण से मृत्यु हो गई है और इन बच्चों के कोई करीबी अभिभावक न हो अथवा होने के बाद भी वह उसे अपनाना न चाहे या अपनाने में सक्षम न हों। इनके भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की पूरी व्यवस्था सरकारी खर्च पर की जाएगी।

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महिला कल्याण अधिकारी प्रीति उपाध्याय ने बताया कि योजना के अंतर्गत प्रथम श्रेणी में 10 वर्ष तक की आयु के बच्चे के वैध संरक्षक के बैंक खाते में रुपया 4000 प्रतिमाह की धनराशि देय होगी। बशर्ते औपचारिक शिक्षा के लिए उनका पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो। इसके अतिरिक्त ऐसे बच्चे जो पूर्णतया अनाथ हो गए हों एवं बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के अंतर्गत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराए गए हो, उनको कक्षा छह से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेशित कराया जाएगा।

द्वितीय श्रेणी में 11 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की कक्षा 12 तक की निश्शुल्क शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा। विद्यालयों की तीन महीने की अवकाश अवधि के लिए बच्चों की देखभाल के लिए प्रतिमाह 4000 रुपये की दर से कुल 12,000 रुपये की धनराशि प्रतिवर्ष संरक्षक के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी। धनराशि कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक जो भी पहले हो ही देय होगी। यदि बच्चे के संरक्षक संबंधित विद्यालयों में किसी कारण से प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हैं तो बच्चों की देखभाल व शिक्षा के लिए उनको 18 वर्ष के आयु होने अथवा कक्षा 12 तक की शिक्षा पूरी होने तक 4000 रुपये की धनराशि दी जाएगी। बशर्ते बच्चे की औपचारिक शिक्षा के लिए अनिवार्य रूप से किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो।

लाभार्थी बालिकाओं की शादी को 1,01,000 रुपये

लाभार्थी बालिकाओं की शादी के लिए 1,01,000 रुपये आर्थिक सहयोग प्राप्त होगा। साथ ही पात्र लाभार्थियों में कक्षा नौ या इससे ऊपर अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। 18 वर्ष तक के बच्चों को लैपटाप, टेबलेट की सुविधा दी जाएगी। इसी के साथ ही साथ बच्चों की चल व अचल संपत्ति की कानूनी सुरक्षा भी कराई जाएगी।

आवेदन प्रक्रिया आफ लाइन

आवेदन प्रक्रिया के अंतर्गत फार्म आफ लाइन तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत अधिकारी या विकासखंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा होगा। शहरी क्षेत्रों में लेखपाल या तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा होगा, आवेदन फार्म जिला प्रोबेशन कार्यालय से भी प्राप्त कर सकते हैं।


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