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वाराणसी में धर्म संसद के दौरान सौर ऊर्जा उपयोग के प्रोत्साहन के लिए चार सूत्रीय प्रस्ताव पास

क्लाइमेट एजेंडा द्वारा संचालित सूरज से समृद्ध अभियान के तहत होटल डायमंड वाराणसी में एक क्षेत्रीय धार्मिक एवं सांस्कृतिक संसद आयोजित की गयी। आयोजन के दौरान सौर ऊर्जा पर आधारित जन घोषणा पत्र की मांगों को सभी धर्मों सम्प्रदायों की ओर से समर्थन दिया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 04:13 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 04:13 PM (IST)
वाराणसी में धर्म संसद के दौरान सौर ऊर्जा उपयोग के प्रोत्साहन के लिए चार सूत्रीय प्रस्ताव पास
वाराणसी में एक क्षेत्रीय धार्मिक एवं सांस्कृतिक संसद आयोजित की गयी।

वाराणसी, जेएनएन। क्लाइमेट एजेंडा द्वारा संचालित सूरज से समृद्ध अभियान के तहत वाराणसी में एक क्षेत्रीय धार्मिक एवं सांस्कृतिक संसद आयोजित की गयी। आयोजन के दौरान सौर ऊर्जा पर आधारित जन घोषणा पत्र की मांगों को सभी धर्मों सम्प्रदायों की ओर से समर्थन दिया गया। राजनीतिक दलों से मांग की गयी कि वे 2022 के अपने राजनीतिक घोषणापत्र में इन मांगों को शामिल करें। इस संसद में सभी धर्मों के धर्मगुरुओं ने सूरज से समृद्ध अभियान की ओर से चार प्रस्तावों के समर्थन में वोट किया। इनमें-

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1. उत्तर प्रदेश सोलर सिटी योजना का विस्तार किया जाए और आगरा, कानपूर, मेरठ और लखनऊ समेत अन्य शहरों को इस योजना में शामिल किया जाए।

2. उत्तर प्रदेश में सोलर इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित कर के 10 लाख युवाओं को रोज़गार दिया जाए।

3. घरेलु सोलर रूफटॉप के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाए।

4. जन घोषणापत्र में शामिल मांगो को सभी राजनीतिक दल 2022 के चुनाव में अपने घोषणापत्रों में शामिल करें।

इस संसद में मुख्य रूप से इस बात प्रकाश डाला गया कि - "सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सब्सिडी बढाने से समाज में सभी वर्गों को एक समान लाभ मिल पायेगा, एमएसएम्ई और कुटीर उद्योगों में अपनी उत्पादकता बढाने की बड़ी सम्भावना है। यह राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के विकास में भी निश्चय ही सहायता कर सकता है। इसके साथ ही सभी धर्मो में सूर्य की उपयोगिता पर चर्चा की गयी, जिसमें यह बात सभी धार्मिक गुरुओं ने बताई कि सूर्य से जो प्रकाश और ऊर्जा प्राप्त होती है, वह जाति, लिंग, धर्म और उम्र में भेदभाव के बगैर सबको एक बराबर लाभ पहुंचाती है। इसलिए, समाज के सभी वर्गों के लिए सरकार की ओर से निष्पक्ष नीतिगत घोषणाएं और बेहतर सब्सिडी दरों से अधिक से अधिक लोग प्रोत्साहित होंगे जिससे कि प्रदेश स्वच्छ ऊर्जा और स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में आगे बढेगा।

सभी धार्मिक गुरुओं ने एकमत हो कर कहा कि- "सोलर सिटी योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजना में घोषित पांच शहरों के अतिरिक्त चार और शहरों को जोड़ने से स्वच्छ पर्यावरण एवं किफायती ऊर्जा के स्त्रोत के रूप में आम जनमानस इसका लाभ उठा सकेंगे। इसके साथ सोलर सिटी अपने साथ रोजगार के नज़रिए से भी बेहतरीन अवसर लाता है, जो कि अर्थव्यवस्था को स्थायी बनाने और आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने में मददगार हो सकता है। कोविड 19 के कारण उत्पन्न बेरोजगारी की स्थिति में अगर नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार का गंभीर प्रयास हुआ, तो परिणामस्वरूप रोजगार के मौकों में वृद्धि होगी जो कि समय की आवश्कता भी है।

इसके साथ ही सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने सूरज से समृद्ध अभियान का समर्थन किया और आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों से यह अनुरोध किया कि सौर ऊर्जा पर आधारित जन घोषणापत्र में शामिल मांगों को अपने घोषणापत्र में शामिल कर इसे मुख्य मुद्दा बनायें।

इस धर्म संसद में वाराणसी के अलावा जौनपुर, सुल्तानपुर, अमेठी, अम्बेडकरनगर, प्रतापगढ़, आदि जिलों से विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने सहभाग किया. इस आयोजन की शुरुआत क्लाइमेट एजेंडा की ओर से रवि शेखर ने किया, एवं संचालन श्री राघवेन्द्र पाण्डेय जी ने किया। इस आयोजन में शहर ए मुफ़्ती मौलाना बातिन, डॉ. आनंद कुमार जैन, योगिराज विजय प्रकाश मिश्र, फ़ादर प्रकाश लुइस, डॉ. भागीरथी, बीएचयू संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ संगीता पंडित, संगीत घराने से राजेश मिश्रा एवं सतीश सिंह, जागृति, प्रियांशु, मंजरी समेत प्रदेश के अलग अलग जिलों से आये धार्मिक गुरु शामिल हुए। 


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