Move to Jagran APP

वाराणसी में कोरोना मरीजों के लिए साढ़े चार गुना बढ़े बेड, आक्सीजन को लेकर आत्मनिर्भर हुए हास्पिटल

वाराणसी में जिस तेजी से संक्रमण की दर बढ़ी उसी अनुपात में मुकाबला करने के लिए सरकारी व निजी क्षेत्र के हास्पिटल को कोविड अस्पताल में तब्दील किया जाने लगा। वर्तमान में 2890 बेड की बदौलत संक्रमण 35 फीसद से घटाकर करीब आठ फीसद पर आ गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 06:50 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 06:50 AM (IST)
वाराणसी में कोरोना मरीजों के लिए साढ़े चार गुना बढ़े बेड, आक्सीजन को लेकर आत्मनिर्भर हुए हास्पिटल
वाराणसी में वर्तमान में 2890 बेड की बदौलत संक्रमण 35 फीसद से घटाकर करीब आठ फीसद पर आ गई है।

वाराणसी, जेएनएन। जंग कोई भी हो, बिना संसाधन विजय प्राप्त करना आसान नहीं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने भले ही यकायक स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़ी चुनौती खड़ी की हो, लेकिन हमारे हौसलों को डिगा पाने में नाकाम ही रही। हमने न केवल संसाधन बढ़ाए, बल्कि प्रशासनिक सहयोग के साथ ही डाक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों के समर्पण की बदौलत हालात को तकरीबन काबू कर लिया। अप्रैल के पहले सप्ताह यानी जब दूसरी लहर प्रकोप बढ़ना शुरू हुआ, उस समय तक बीएचयू व जिला अस्पताल के साथ ही दो निजी कोविड हास्पिटल में इससे मुकाबला करने के लिए 665 बेड थे। इसके बाद जिस तेजी से संक्रमण की दर बढ़ी, उसी अनुपात में मुकाबला करने के लिए सरकारी व निजी क्षेत्र के हास्पिटल को कोविड अस्पताल में तब्दील किया जाने लगा। वर्तमान में 2890 बेड की बदौलत संक्रमण 35 फीसद से घटाकर करीब आठ फीसद पर आ गई है।

loksabha election banner

जनपद की छह इकाइयों से तकरीबन 3200 सिलेंडर आक्सीजन का उत्पादन रोजाना होता था। आक्सीजन की जरूरत को देखते हुए जहां डीएम ने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए दरेखू में बंद पड़े आक्सीजन प्लांट को शुरू कराया, वहीं जिला अस्पताल 610 एलपीएम क्षमता वाले प्लांट की बदौलत आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है। केंद्र सरकार की ओर से लिक्विड आक्सीजन की उपलब्धता होते ही आक्सीजन उत्पादन क्षमता 3200 से बढ़कर 5600 सिलेंडर प्रतिदन हो गई है। वर्तमान में आक्सीजन की मांग व अापूर्ति सामान्य है।

चार से बढ़कर 58 हुई कोविड हास्पिटल की संख्या

अप्रैल की शुरुआत तक लेवल-थ्री हास्पिटल बीएचयू व लेवल-टू हास्पिटल दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय सहित निजी क्षेत्र के दो हास्पिटल में ही कोविड मरीजों का इलाज चल रहा था। इन चारों अस्पतालों में कुल मिलाकर 410 आक्सीजन युक्त बेड एवं 255 आइसीयू बेड थे। बाद में सरकारी क्षेत्र के सेंट्रल हास्पिटल बरेका, ईएसआइसी हास्पिटल, ट्रामा सेंटर व होमी भाभा कैंसर हास्पिटल सहित 49 निजी अस्पतालों को कोविड इलाज से जोड़ा गया। अब 1645 आक्सीजनयुक्त व 504 आइसीयू बेड हो गए। वहीं इसके बाद बीएचयू में पंडित राजन मिश्र अस्थाई कोविड हास्पिटल तैयार होने से 250 आइसीयू बेड व 500 आक्सीजनयुक्त बेड और बढ़ गए।

बनारस ही नहीं पूर्वांचल के लिए भी है संजीवनी 

बीएचयू में डीआरडीओ की ओर से तैयार पंडित राजन मिश्र अस्थाई कोविड हास्पिटल के 250 आइसीयू वार्ड में 10 मई से बनारस के साथ ही पूर्वांचल भर से मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। जल्द ही 250-250 बेड के दोनों एल-टू वार्ड भी शुरू हो जाएंगे। सभी तरह की जांच व उच्च स्तरीय इलाज सुविधा से सुसज्जित यह हास्पिटल पूर्वांचल भर के लिए संजीवनी है। यहां फिलहाल गंभीर किस्म के रेफर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।

आक्सीजन मामले में आत्मनिर्भर होने लगे सरकारी हास्पिटल 

पांडेयपुर स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में इंडियन इंडस्ट्रीज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उद्योगपति आरके चौधरी की मदद से 650 एलपीएम का आक्सीजन प्लांट शुरू हुआ। इससे हास्पिटल के 120 बेड पर आक्सीजन की सप्लाई हो रही है। वहीं श्रम मंत्रालय के पांडेयपुर स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइस) अस्पताल में भी अब 120 सिलेंडर प्रतिदिन की क्षमता वाला ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया जा चुका है। वहीं हाल में शुरू पंडित राजन मिश्र अस्थाई कोविड हास्पिटल में 40 किलो लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाला ऑक्सीजन प्लांट स्थापित है। इससे 250 एल-थ्री एवं 500 एल-टू बेड पर सीधे आस्क्सीजन सप्लाई हो रही है। इसके अलावा होमी भाभा कैंसर हास्पिटल-लहरतारा पहले से ही लिक्विड आक्सीजन प्लांट से सुसज्जित है। दरेखू में भी पांच सौ सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता का आक्सीजन प्लांट शुरू हो चुका है।

इन अस्पतालों में भी जल्द शुरू होगा प्लांट 

- एलबीएस हास्पिटल-रामनगर : \Bयहां 120 एलपीएम क्षमता का प्लांट स्थापित हो चुका है, जो जल्द शुरू होगा।

- मंडलीय हास्पिटल-कबीरचौरा :\B यहां 960 एलपीएम क्षमता का आक्सीजन प्लांट इंडियन आयल कारपोरेश्न की ओर से लगाया जा रहा है। इससे 200 बेड पर सीधे आक्सीजन की सप्लाई होगी।

- राजकीय आयुर्वेदक कालेज-चौकाघाट : \B120 बेड पर सीधे आक्सीजन पहुंचाने के लिए प्लांट लगाने की कवायद चल रही है।

- सेंट्रल हास्पिटल बरेका :\B यहां 610 एलपीएम की क्षमता का आक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए आर्डर दिया जा चुका है। इसमें कानपुर के व्यवसायी आर्थिक रूप से मदद कर रहे हैं।

- ईएसआइसी हास्पिटल-पांडेयपुर :\B यहां 250 व 610 एलपीएम क्षमता वाले दो आक्सीजन प्लांट के लिए एक भारतीय मल्टी नेशनल कंपनी ने आर्डर दे दिया है। छोटा प्लांट दो-तीन दिन में व बड़ा प्लांट एक माह में इंस्टाल हो जाएगा।

होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए 500 सिलेंडर

हास्पिटल में भर्ती मरीजों के साथ ही होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए भी तीन संस्थाओं के सहयोग से प्रशासन 500 आक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित करा रहा है। जरूरत पड़ने पर इसे और भी बढ़ाया जाएगा।

एक नजर में उपलब्ध चिकित्सीय सुविधाएं 

 - बीएचयू हास्पिटल : एल-टू के 196 व एल-थ्री के 114 बेड।

- जिला अस्पताल : एल-टू के 147 व एल-थ्री के 33 बेड।

- हाेमी भाभा कैंसर हास्पिटल : एल-टू के 81 व एल-थ्री के 17 बेड।

- ट्रामा सेंटर-बीएचयू : एल-टू के 68 व एल-थ्री के 27 बेड।

- सेंट्रल हास्पिटल बरेका : एल-टू के 40 बेड।

- ईएसआइसी हास्पिटल : एल-टू के 40 बेड।

- मंडलीय हास्पिटल : एल-टू के 110 बेड। (बिना जांच कोरोना के गंभीर लक्षणयुक्त मरीजों के लिए।)

- 51 निजी हास्पिटल : एल-टू के 1073 व एल-थ्री के 313 बेड।

पर्याप्त संख्या में एल-टू व एल-थ्री के बेड हैं

हर स्तर पर शासन व प्रशासन का सहयोग मिल रहा है। वर्तमान जरूरत के मुताबिक सरकारी व निजी क्षेत्र के अस्पतालों को मिलकर पर्याप्त संख्या में एल-टू व एल-थ्री के बेड हैं।

- डा. वीबी सिंह, सीएमओ-वाराणसी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.