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बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रो. राकेश भटनागर बोले, अकादमिक अखंडता बनाए रखना शिक्षक-छात्र दोनों की जिम्मेदारी

वाराणसी में बुधवार को बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान के प्रसार शिक्षा विभाग में दो-दिवसीय आकादमिक लेखन कार्यशाला का शुभारंभ बुधवार को किया गया। इसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रोफेसर एवं छात्र और छात्राओं ने भाग लिया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 05:51 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 05:51 PM (IST)
बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रो. राकेश भटनागर बोले, अकादमिक अखंडता बनाए रखना शिक्षक-छात्र दोनों की जिम्मेदारी
आयोजन में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रोफेसर एवं छात्र और छात्राओं ने भाग लिया।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के प्रसार शिक्षा विभाग में दो-दिवसीय आकादमिक लेखन कार्यशाला का शुभारंभ बुधवार को किया गया। इसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रोफेसर एवं छात्र और छात्राओं ने भाग लिया। कार्यशाला को डा. कल्यान घड़ेई, विभागाध्यक्ष, प्रसार शिक्षा विभाग द्वारा संबोधित किया गया। सम्मेलन का उदघाटन प्रो. रमेश चंद, निदेशक, कृषि विज्ञान संस्थान की अध्यक्षता में किया गया। प्रो. जे.एस. बोहरा, संकाय प्रमुख, कृषि संकाय, कृषि विज्ञान संस्थान, डा. अजीत मिश्रा, मानवतावादी अध्ययन विभाग, प्रो. बसवप्रभु जिर्ली एवं कृषि विज्ञान संस्थान के विभिन्न प्रोफेसर भी इस आयोजन में प्रस्तुत थे।

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प्रथम दिन के द्वितीय सत्र डा. पीके पांडा ने ‘तकनीकी लेखन’ के मूल सिद्धांतों के बारे में कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों को अवगत करवाया। उन्होने बताया कि छात्रों को तकनीकी लेखन से जुड़ी शब्दावली एवं व्याकरण के बारे में उपयुक्त ज्ञान होना चाहिए। अकादमी लेखन से जुड़ी शब्दावली की उपयोगिता बताते हुए उन्होने इनसे जुड़े मुख्य स्रोतों और बिन्दुओं के बारे में बताया। प्रथम दिन की तृतीय सत्र दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक रहा।

बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने आनलाइन माध्यम से ‘अकादमिक अखंडता’ विषय पर प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होने बताया कि अकादमिक अखंडता को बनाए रखना शिक्षक एवं छात्र दोनों की जिम्मेदारी है।

डा. अजीत मिश्रा, मानवतावादी अध्ययन विभाग ने प्रथम दिन के अंतिम सत्र में ‘रिसर्च लेखन बिल्डिंग ब्लाक्स’ विषय पर बहुत ही सरल शब्दों में प्रस्तुत किया और बताया कि अकादमिक लेखन के लिए विशेषज्ञों को छात्रों का प्रोत्साहन बढ़ाना चाहिए। तत्पश्चात द्वि-दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिन का समापन 1 दिसम्बर, 2021 को सायं 4 बजे किया गया। कार्यशाला के सम्पूर्ण दिन की विशेष टिप्पणी देते हुए डा. कल्यान घड़ेई ने सभी को धन्यवाद दिया और सफलतापूर्वक प्रथम दिन का समापन किया। स अवसर पर प्रो. बी जिर्ली, प्रो. एके सिंह, प्रो. राकेश सिंह, डा. वी कामलवंशी, डा. सैकत माजी, अनूप कुमार आदि मौजूद थे। 


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