वाराणसी में पंचायत चुनाव जीत कर देना भूल गए लेखा- जोखा, नोटिस की भी अनदेखी
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम आए एक पखवारा से अधिक समय हो गया लेकिन अब तक किसी प्रत्याशी की ओर से चुनावी खर्च का लेखा- जोखा प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से 15 मई तक जमा करने के निर्देश दिए गए थे।
वाराणसी, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम आए एक पखवारा से अधिक समय हो गया लेकिन अब तक किसी प्रत्याशी की ओर से चुनावी खर्च का लेखा- जोखा प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से 15 मई तक जमा करने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि आयोग के निर्देश तहत तीन माह के अंदर खर्च का ब्योरा देना अनिवार्य होता है।
इसके बाद जनप्रतिनिधियों की जमानत राशि जब्त करने का प्रावधान है। वैसे भी पंचायत चुनाव में आयोग को सर्वाधिक आमदनी जमानत राशि से होती है। नियमों के तहत जमानत राशि बचाने के लिए वैध मत का 1/5 वां हिस्सा प्राप्त करना होता है। इस जद के बाहर वाले सभी प्रत्याशियों की जमानत राशि जब्त कर ली जाती है।
निर्वाचन कार्यालय पंचायत से जुड़े जिम्मेदार लोगों का कहना है कि जमानत राशि बहुतायत लोग वापस लेने नहीं आते हैं। जीतने वाले तो प्राय: ही जमानत राशि नहीं लेते हैं। हारने वाले भी तमाम कागजी प्रक्रिया के कारण व मुख्यालय तक दौड़ लगाने के चक्कर में उक्त धनराशि वापस लेने नहीं आते हैं।आयोग के निर्देश के तहत ग्राम प्रधान के सामान्य वर्ग के लिए दो हजार रुपये जमानत राशि जमा की जानी थी। वहीं महिला व आरक्षण श्रेणी के लोगों को एक हजार रुपये जमानत राशि देनी थी।
इसी प्रकार जिला पंचायत सदस्य के लिए चार हजार रुपये व आरक्षति वर्ग हेतु दो हजार तथा क्षेत्र पंचायत के लिए दो हजार रुपये तय किया गया था। इस पद हेतु आरक्षित वर्ग को उक्त राशि का सिर्फ आधा जमा करना था। इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लगभग 12 हजार प्रत्याशियों ने विभिन्न पद पर चुनाव लड़ा था। अधिकारियों का कहना है कि बामुश्किल से इसमें से दस फीसद लोग ही जमानत राशि वापस लेंगे। शेष लाखों रुपये जब्त कर लिए जाएंगे।