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वाराणसी में पहली बार सारनाथ में बनेगी सीवर लाइन, पुरातात्विक क्षेत्र होने के कारण नहीं मिल रही थी अनापत्ति

अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल सारनाथ में अब तक सीवर लाइन नहीं है। हां यह जरूर है कि इस मूलभूत सुविधा अब स्थानीय लोगों को मिलने जा रही है। इसके लिए पुरातत्व विभाग ने अनापत्ति भी दे दी है। जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 09:05 AM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 09:05 AM (IST)
वाराणसी में पहली बार सारनाथ में बनेगी सीवर लाइन, पुरातात्विक क्षेत्र होने के कारण नहीं मिल रही थी अनापत्ति
सारनाथ के समुचित विकास के लिए एक सौ करोड़ की परियोजना स्वीकृत कर दी गई है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल सारनाथ में अब तक सीवर लाइन नहीं है। हां, यह जरूर है कि इस मूलभूत सुविधा अब स्थानीय लोगों को मिलने जा रही है। इसके लिए पुरातत्व विभाग ने अनापत्ति भी दे दी है। जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

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सारनाथ के समुचित विकास के लिए एक सौ करोड़ की परियोजना स्वीकृत कर दी गई है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का कार्य हो रहा है। इसमें सीवर व पेयजल लाइन का पहले कार्य होगा। चूंकि, सारनाथ क्षेत्र पुरातात्विक महत्व का है, इसलिए जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्यूवल मिशन यानी जेएनएनयूआरएम परियोजना के तहत प्रस्तावित सीवर लाइन का कार्य नहीं हो सका था। आशापुर के हवेलिया चौराहे तक सीवर लाइन कार्य आगे नहीं बढ़ सका था। स्थानीय लोगों की मांग पर सीवर लाइन का प्रस्ताव बनाया गया है। वाराणसी विकास प्राधिकरण कार्यदायी संस्था है जबकि पर्यटन विभाग ने वित्त पोषण किया है।

नरोखर ताल के किनारे पंपिंग स्टेशन

सीवर लाइन का कार्य पूरा कर उसे पंपिंग स्टेशन से जोड़ा जाएगा। इसके लिए गंज गांव के पास से गुजरे नरोखर ताल के किनारे जमीन तलाश ली गई है जिस पर पंपिंग स्टेशन बनेगा। यहां से सीवेज पंप कर गोइठहां एसटीपी तक भेजा जाएगा।

पंपिंग स्टेशन के लिए नरोखर ताल के किनारे जमीन की तलाश भी पूरी हो गई है

अनापत्ति नहीं मिलने से सीवर लाइन का कार्य नहीं हो सका था जो अब होने जा रहा है। पंपिंग स्टेशन के लिए नरोखर ताल के किनारे जमीन की तलाश भी पूरी हो गई है।

-आर रंजन, परियोजना प्रबंधक जल निगम

गंगा प्रदूषण ट्रीटमेंट प्लांट से शारदा नहर हो रही प्रदूषित

समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष भइया लाल पाल ने गोइठहा स्थित गंगा प्रदूषण ट्रीटमेंट प्लांट से शारदा सहायक नहर में का पानी प्रदूषित होने का दावा किया है। उन्होंने ट्रीटमेंट प्लांट से लखरांव, नवापुरा, छाही , नारायणपुर, बराई, उकथी जैसे दर्जनो गांव में पानी प्रदूषित होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि ट्रीटमेंट प्लांट से आने वाले दुर्गंध से आस पास के ग्रामीणों का रहना मुश्किल हो गया है। बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को भी पत्र दिया गया था। इसके बावजूद नहर में आने वाले गंदे पानी को अब तक बन्द नही किया। नहर में गंदे पानी न रोकने पर उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है। इस दौरान भइया लाल पाल, नीरज कुमार, सुभाष पाल, शशिकांत अन्य लोग शामिल थे।


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