अशुभ संकेत तो नहीं, सितंबर में ही कोहरे की चादर से ढंका चंदौली का यह इलाका
चैदाैली में किसान फसलों पर अनहोनी की साया मंडराने की आंशकावश अब परेशान हो उठे हैं, दरअसल कोहरा तो सर्दियों में नवंबर माह के इर्दगिर्द पड़ना शुरू होता है।
चंदौली (बरहनी) । सितंबर माह में ही चंदौली जिले में अन्नदाताओं के सामने रविवार तड़के नई मुसीबत आ खड़ी हुई। अलसुबह सोकर उठे तो नरवन इलाका कोहरे की घनी चादर में लिपटा नजर आया। किसान फसलों पर अनहोनी की साया मंडराने की आंशकावश अब परेशान हो उठे हैं। दरअसल कोहरा तो सर्दियों में नवंबर माह के इर्दगिर्द पड़ना शुरू होता है। मगर बेमौसम बारिश और गिरते तापमान में बीच रविवार को कोहरा सुकून कम और चिंता ज्यादा दे रहा था।
इलाकाई लोगों के मुताबिक कोहरा कभी घना तो कभी हल्का हो जा रहा था। किसानों ने बताया कि कोहरे का इतना पहले दस्तक देना फसलों के लिए शुभ संकेत नही हैं। कोहरे के दस्तक से बारिश की उम्मीद जरूर खत्म प्रतीत होने लगी हैं। हालांकि पौने आठ बजे सूर्य देव के दर्शन हुए तो धूप के तेवर फिर दिन चढ़ने के साथ तीखे ही होते गए। मौसम में परिवर्तन का दौर तेजी से चल रहा है। पिछले दो दिनों तेज पुरवाई के कारण कहीं हल्की बारिश तो कुछ जगहों बूंदा बांदी होती रही। जिससे किसानों की उम्मीदों को पंख लग गए। दरअसल, इस समय बारिश हुई तो फसलों की बढ़वार को संजीवनी मिल जाएगी।
हालांकि, कुछ स्थानों को छोड़ ज्यादातर इलाके में बारिश नहीं हो सकी। अन्नदाता शनिवार को भी पूरे दिन बारिश की उम्मीद लगाए कभी खेत तो कभी आसमान को निहारते रहे थे। फसलों की बुआई के समय पानी की किल्लत रही। बारिश हुई तो बाढ़ ही आ गया, जिससे फसलों को झटका लगा। दुश्वारियों से निजात मिली तो कोहरे की दस्तक से किसानों का मन कांप उठा है।