काशी में धारा प्रवाह संस्कृत में श्लोक सुनाती है 12 वर्षीय आफ़रीन, संस्कृत से बचपन से है काफी लगाव
वाराणसी एयरपोर्ट के समीप स्थित कर्मी गांव की रहने वाली 12 वर्षीय आफ़रीन बानो को संस्कृत में जटिल श्लोक पूरी तरह से कंठस्थ हैं।
वाराणसी, जेएनएन। सर्व विद्या की राजधानी बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति पर विश्वविद्यालय में कई दिन से घमासान चल रहा है। विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि कोई मुस्लिम प्रोफेसर संस्कृत कैसे पढ़ा सकते हैं। वहीं वाराणसी एयरपोर्ट के समीप स्थित कर्मी गांव की रहने वाली 12 वर्षीय आफ़रीन बानो को संस्कृत में जटिल श्लोक पूरी तरह से कंठस्थ हैं।
स्कूल के साथ ही आसपास स्थानों पर जब भी बच्चों से जुड़ा कार्यक्रम आयोजित होता है तो उसके शिक्षक तथा उसे जानने वाले उसे जरूर बुलाते हैं। आफ़रीन द्वारा श्लोक सुनाने की वजह से कई बार उसे सम्मानित भी किया गया है। इस समय यह छोटी बच्ची मंगारी स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 6 में पढ़ती है और शाम के समय सीआईएसएफ यूनिट द्वारा संचालित किये जा रहे निःशुल्क शिक्षण संस्थान प्रभात तारा में पढ़ाई के साथ ही संस्कारों की शिक्षा ग्रहण करती है।
प्रभात तारा की संरक्षिका मधु झा ने बताया कि पहली बार जब आफ़रीन के माता-पिता उसे उनके पास लेकर आए थे उसी समय आफ़रीन ने संस्कृत में श्लोक सुनाकर उनका दिल जीत लिया था। संस्कृत के साथ ही वह हिंदी और अंग्रेजी की भी जानकारी रखती है। आफरीन ने बताया कि उसके पिता साइकिल रिपेयरिंग की दुकान चलाते हैं और माता सीतारुन निशा गृहणी हैं। बचपन से ही आफ़रीन जब स्कूल जाती थी उसी समय से संस्कृत भाषा से काफी लगाव था। किताब में लिखे श्लोक याद करने के साथ ही उसे अध्यापकों और बच्चों को सुनाया करती थी। आज यह स्थिति है कि धारा प्रवाह संस्कृत में श्लोक सुनाती है तो बड़े बड़े दंग रह जाते हैं।