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पूर्वांचल में नदियों का रुख एक बार फ‍िर से बढ़ाव की ओर होने से तटवर्ती इलाकों में चिंता बढ़ी

पूर्वांचल में नदियों का रुख एक बार दोबारा से बढ़ाव की ओर होने से तटवर्ती इलाकों में चिंता बढ़ गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 11:33 AM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 12:36 PM (IST)
पूर्वांचल में नदियों का रुख एक बार फ‍िर से बढ़ाव की ओर होने से तटवर्ती इलाकों में चिंता बढ़ी
पूर्वांचल में नदियों का रुख एक बार फ‍िर से बढ़ाव की ओर होने से तटवर्ती इलाकों में चिंता बढ़ी

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में नदियों का रुख एक बार दोबारा से बढ़ाव की ओर होने से तटवर्ती इलाकों में चिंता बढ़ गई है। खासकर मऊ और बलिया जिलेे में बीते चौबीस घंटाेें में तटवर्ती इलाकों के लगभग दर्जन भर घर सरयू नदी में विलीन हो गए। जबकि कई इलाकों में खेतों का भी बड़ा हिस्‍सा नदी की भेंट चढ़ गया। इससे तटवर्ती किसानों में काफी चिंता का माहौल है। केंद्रीय जल आयोग ने आगामी दिनों में कई नदियों में उफान की संभावना जताई है। 

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केंद्रीय जल आयोग द्वारा शनिवार की सुबह जारी रिपोर्ट के अनुसार बलिया जिले में सुबह आठ बजे 64.47 मीटर पर सरयूू का जलस्‍तर रिकार्ड किया गया है। इस तरह लगभग चौबीस घंटों में बीस सेंटीमीटर से अधिक का जलस्‍तर सरयू में बढ़ा हुआ दर्ज किया गया। बाढ़ की आशंका मेंं अब लोग अपने पशुओं को भी सुरक्षित ऊंचे स्‍थानों में करने में जुट गए हैं। जबकि निचले इलाकों में पानी भरने से फसल बर्बाद होने और पशुओं के चारे का भी संकट मऊ और बलिया जिले में सामने आने लगा है। वहीं गंगा और गोमती के जलस्‍तर में भी मामूली बढ़ाव दर्ज किया गया है। दूसरी ओर सोन और रिहंद बांध के जलस्‍तर में भी बढ़ाव दर्ज किया गया है। 

जल आयोग की ओर से दोपहर में जारी रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी में गंगा नदी का जलस्‍तर शनिवार को मामूली तौर पर बढ़ा है। जौनपुर में गोमती नदी में भी जलस्‍तर में इजाफा हुआ है। गंगा नदी में उफान आने पर पलट प्रवाह की वजह से वरुणा में भी उफान का दौर होगा। इसकी वजह से तटवर्ती लोगों के माथे पर अभी से चिंता की लकीर उभरने लगी है। जबकि सोनभद्र में पहाड़ी नदियों में उफान होनेे की वजह सेे कई गांवों का संपर्क बाधित हुआ है। आगे बारिश होने पर नदियों के जलस्‍तर में और इजाफा होगा।  

बलिया में अब तबाही मचाने को बढ़ रही सरयू

सरयू की लहरें अब बलिया में तबाही मचाने को तैयार है। महज 24 घंटे में नदी के जलस्तर में 26 सेंटीमीटर की रिकार्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है और नदी पिछले साल का रिकार्ड तोड़ने को बेताब है। नदी शनिवार की दोपहर तक बिल्थरारोड तुर्तीपार हेड पर खतरा निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर तक पहुंच गई। बहराइच सीतामढ़ी से अयोध्या होते हुए बलिया तक करीब 350 किलोमीटर लंबी सरयू नदी में राप्ती नदी, काली नदी और शारदा नदी भी मिलती है। सरयू में मिलने वाली उक्त नदियों के जलस्तर में हुए बढ़ोतरी से सरयू में भी बेतहासा वृद्धि जारी है। जबकि अभी नेपाल की तरफ से पानी छोड़ा जाना बाकी है। विभाग की माने तो इस वर्ष पिछले साल का सरयू का रिकार्ड टूटेगा। तुर्तीपार जल आयोग के अधिकारियों के अनुसार नदी का जलस्तर शनिवार की सुबह 64.510 मी. दर्ज किया गया। नदी के जलस्तर में बढ़ाव की रफ्तार में और तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से तटवर्ती इलाकों में बसा बिल्थरारोड तहसील का तुर्तीपार गांव पूरी तरह से खतरे के मुहाने पर पहुंच गया है। जहां नदी के तेज कटान से बचने का किसी तरह का राहत कार्य अब तक हुआ ही नहीं है।


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