पूर्वांचल में बाढ़ के बाद दुश्वारियों ने उठाया सिर, बलिया जिले में गंगा अब भी खतरा बिंदु से ऊपर Varanasi news
गंगा के किनारे निचले इलाकों में भरा पानी जहां पर कम होने के बाद भी समस्या जस की तस है।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में पखवारे भर से आफत बनी बाढ़ अब भले ही कम हो रही हो लेकिन अपने पीछे दुश्वारी छोड़ती जा रही है। गंगा के किनारे निचले इलाकों में भरा पानी जहां पर कम होने के बाद भी समस्या जस की तस है। बाढ़ की स्थिति में सुधार के साथ ही प्रभावित इलाकों में नमी की वजह से घर गिरने की भी खबरें आने लगी हैं। बाढ़ के बाद डूबे हुए खेतों में पानी कम होने के साथ ही फसलों की बर्बादी की तस्वीरें भी सामने आने लगी हैं। किसानों की फसलें डूब इलाके में पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। जबकि कई प्रभावित हो चुकी कालोनियों में पानी कम होने के साथ ही बदबू और मच्छराें की भरमार भी चिंता बढ़ा रही है।
जिला |
खतरा | चेतावनी | वर्तमान | रुख |
वाराणसी | 71.26 | 70.26 | 69.14 | घटाव |
गाजीपुर | 63.10 | 62.10 | 62.94 | घटाव |
बलिया | 57.61 | 56.61 | 59.08 | घटाव |
गाजीपुर और बलिया जिले में जहां गंगा का स्तर अब भी खतरा बिंदु के करीब है वहीं वाराणसी और मीरजापुर में गंगा का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। गंगा अपने पीछे सीढियों पर गाद और कीचड़ छोड़ रही हैं जिसकी वजह से फिसलन जैसी समस्या भी तटवर्ती इलाकों में आम हो चुकी है। केंद्रीय जलआयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। आने वाले दो चार दिनों में बाकी जिलों में भी गंगा खतरा और चेतावनी बिंदु से नीचे आ जाएंगी। हालांकि निचले इलाकों में जलभराव सूखने में लंबा समय लगेगा। बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित बलिया और गाजीपुर जिला है जहां पर तटवर्ती इलाकों में फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं। जबकि गांवाें में नमी की वजह से कच्चे मकानों के गिरने का सिलसिला जारी है।