Move to Jagran APP

गंगा में जलस्‍तर कम होने के साथ ही दुश्‍वारियों ने उठाया सिर, फसल चौपट होने से किसानों में चिंता Varanasi news

सप्‍ताह‍ भर तक गंगा की भीषण बाढ़ अब चौबीस घंटों से उतरने लगी है। पूर्वांचल में मगर गंगा के जलस्‍तर में कमी के बाद भी दुश्‍वारी जस की तस है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 10:48 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 05:52 PM (IST)
गंगा में जलस्‍तर कम होने के साथ ही दुश्‍वारियों ने उठाया सिर, फसल चौपट होने से किसानों में चिंता Varanasi news
गंगा में जलस्‍तर कम होने के साथ ही दुश्‍वारियों ने उठाया सिर, फसल चौपट होने से किसानों में चिंता Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। सप्‍ताह‍ भर तक गंगा की भीषण बाढ़ अब चौबीस घंटों से उतरने लगी है। पूर्वांचल में मगर गंगा के जलस्‍तर में कमी के बाद भी दुश्‍वारी जस की तस है। बाढ़ में अब भी कई निचले इलाके फंसे हुए हैं लिहाजा प्रशासन के लिए भी चुनौती बरकरार है। हालांकि नदी का रुख अब घटाव की ओर होने से तटवर्ती इलाकों में चिंता कुछ कम हुई है। वहीं गंगा में पलट प्रवाह की वजह से वरुणा, असि और गोमती नदी के किनारे लोगों की समस्‍या कम होने का नाम नहीं ले रही है।

loksabha election banner

 

बढ़ती जा रही दुश्‍वारियां : बाढ़ का पानी धीमी गति से कम होने की वजह से घर छोडकर दूसरी जगह आसरा लिए लोग अब भी बाढ़ की वजह से अगले कुछ दिनों तक वापस नहीं जा सकते। जबकि कई इलाकों में बाढ़ का पानी अब एकत्र होने से बीमारी भी फैलने की संभावना बढ़ने लगी है। वहीं पानी में सड़न पैदा होने से बदबू की भी कई कालोनियों में लोगों की शिकायत है। दूसरी ओर गंगा में बाढ़ के उतरने के साथ ही कच्‍चे मकानों के गिरने की घटनाओं में भी वृद्धि हो गई है। आए दिन किसी न किसी जगह कच्‍चे म‍कान गिरने से लोगों के सामने दुश्‍वारियां बढ़ती जा रही हैं। 

पूर्वांचल में गंगा का सुबह आठ बजे रुख

जिला

 खतरा

 चेतावनी वर्तमान रुख
मीरजापुर  77.72 76.724  76.34  घटाव
वाराणसी  71.26  70.26 70.80  घटाव
गाजीपुर 63.10 62.10 63.86  घटाव
बलिया 57.61 56.61 59.73  घटाव

इंसानों के साथ फसलें भी प्रभावित : बीते चौबीस घंटों में मीरजापुर जिले में गंगा चेतावनी बिंदु से नीचे आ गई हैं जबकि वाराणसी में खतरा से नीचे अब चेतावनी बिंदु पर गंगा हैं। जबकि गाजीपुर और बलिया जिले में गंगा घटाव का रुख होने के बाद भी खतरा बिंदु से काफी ऊपर हैं। हालांकि यहां 48 से 72 घंटे में गंगा के खतरा बिंदु से कम होने की उम्‍मीद जगी है। वहीं तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की वजह से खेत खलिहानों में आया पानी काफी धीमी गति से कम हो रहा है। वहीं जिन इलाकों में पानी कम हुआ है वहां फसल कुछ हद तक सुरक्षित है मगर जहां पानी काफी समय से लगा हुआ है वहां पर फसल खराब हो चुकी है। जबकि प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के चारे की समस्‍या अभी भी बनी हुई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.