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वाराणसी से बलिया रेलखंड पर दो साल में 4.90 लाख लोग बेटिकट पकड़े गए, करोड़ों का जुर्माना वसूला

वाराणसी से बलिया रेलखंड पर कारोना काल से अब तक दो साल से अधिक समय में लगभग पांच लाख लोग बेटिकट पकड़े जा चुके हैं। इन बेटिकट यात्रियों से करोड़ों रुपये का जुर्माना भी वसूला जा चुका है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2022 05:58 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2022 05:58 PM (IST)
वाराणसी से बलिया रेलखंड पर दो साल में 4.90 लाख लोग बेटिकट पकड़े गए, करोड़ों का जुर्माना वसूला
बेटिकट रेल यात्रियों से रेलवे ने करोड़ों रुपये वसूले हैं।

बलिया, जागरण संवाददाता। कोरोना काल से लेकर अब तक वाराणसी से छपरा रेलखंड पर करीब 4.90 लाख बेटिकट यात्री पकड़े गए हैं, इनसे 27.24 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया है। रेलवे को यह भारी भरकम आय आनलाइन टिकट के पेंच से हुई है। कोरोना काल में बंद ट्रेनों का परिचालन भले ही शुरू कर दिया गया, लेकिन काउंटर से टिकट की व्यवस्था नहीं दी गई। ऐसे में जरूरतमंद यात्री कोई भी रिस्क लेकर ट्रेनों से यात्रा करने लगे और रेलवे के मुनाफे में अचानक उछाल आ गया।

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सिर्फ दो साल के आकड़े पर गौर करें तो वाराणसी मंडल ने 2021 में 42477 यात्रियों से 2.48 करोड़ जुर्माना वसूल लिया, जबकि 2022 में 448334 यात्रियों से 27.24 करोड़ रुपये वसूले गए हैं। यह सिलसिला अभी भी जारी है। जिले में रेलवे के दो रूट हैं। एक भटनी मऊ होते आजमगढ़, और दूसरा वाराणसी, गाजीपुर, बलिया होते छपरा। सबसे अधिक जुर्माना वाराणसी-बलिया-छपरा रूट पर ही वसूल किया गया है। औड़िहार से जौनपुर रेलखंड पर भी खूब जुर्माना वसूला गया।

यात्रियों की मजबूरी ने दिया जुर्माना : ट्रेनों में बिना टिकट के चलने वाले यात्रियों की मजबूरी ने भी भारी भरकम जुर्माना दिया है। आनलाइन टिकट में यात्रियों को तय तिथि पर टिकट नहीं मिलने पर वह जुर्माना भर कर भी यात्रा कर रहे हैं। इस व्यवस्था से रेलवे को जुर्माना के तौर पर फायदा जरूर हो रहा है, लेकिन नुकसान भी कम नहीं है। जो यात्री चेकिंग से बच गए वह बिना कोई जुर्माना दिए भी अपनी यात्रा पूरी कर ले रहे हैं। 50 फीसद मामले ऐसे भी सामने आए, जहां यात्री बेटिकट तो पकड़े गए लेेकिन बिना जुर्माना राशि वसूलने के बजाय उन्हें सुविधा शुल्क लेकर छोड़ दिया गया।

केस 1 : माेहन छपरा गांव निवासी बृजेश ठाकुर मुंबई में प्राइवेट नौकरी करते हैं। घर पर अचानक पिता की तबीयत खराब हो गई। आनलाइन टिकट का प्रयास किए तो वेटिंग की लंबी लाइन थी। अंत में बिना टिकट के ही ट्रेन से गांव चल दिए। रास्ते में प्रयागराज के समीप टिकट कलेक्टर ने जुर्माना वसूल लिया। इसके बाद भी खड़े होकर बलिया स्टेशन तक आए।

केस 2 : बैरिया क्षेत्र के निवासी धनन्जय सिंह को अचानक प्रयागराज निकलना पड़ा। वह आनलाइन टिकट भी नहीं ले पाए। गाजीपुर तक उनसे किसी ने टिकट के बारे नहीं पूछा, लेकिन वाराणसी सिटी पहुंचते ही टिकट कलेक्टर ने जुर्माना वसूल कर लिया।

बोले अधिकारी : टिकट चेकिंग के लिए विशेष अभियान चलाया गया। सभी रूटों पर चार चेकिंग टीम गठित की गई थी। स्टेशनों के मुख्य गेट पर भी टीटी चेकिंग कर रहे थे। इस वजह से रेलवे को अच्छी आय हुई है। अब काउंटर से टिकट की सुविधा देने के लिए विचार किया जा रहा है।

-- संजीव शर्मा, वाणिज्य प्रबंधक, रेलवे, वाराणसी


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