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मऊ में सिलिकॉन का अंगूठा बनाकर खातों से रुपये उड़ाने वाले पांच शातिर काे पुलिस ने किया गिरफ्तार

मऊ में सीएससी से रुपये निकालने आए ग्राहकों के अंगूठा निशान का क्लोन बनाकर उनके खाते से रुपये उड़ाने वाले साइबर अपराधियों के गिरोह का पुलिस ने सोमवार को भंडाफोड़ कर दिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 04:52 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 12:02 AM (IST)
मऊ में सिलिकॉन का अंगूठा बनाकर खातों से रुपये उड़ाने वाले पांच शातिर काे पुलिस ने किया गिरफ्तार

मऊ, जेएनएन। सीएससी से रुपये निकालने आए ग्राहकों के अंगूठा निशान का क्लोन (सिलिकॉन का अंगूठा) बनाकर उनके खाते से रुपये उड़ाने वाले साइबर अपराधियों के गिरोह का पुलिस ने सोमवार को भंडाफोड़ कर दिया। गिरोह के पांच सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े तो उनके पास से दो चार पहिया वाहन, तीन लैपटॉप, फिनो की हार्ड डिवाइस, वाइ-फाइ हॉटस्पाट, 19,400 रुपये नकदी समेत ढेर सारे उपकरण बरामद हुए। 

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पुलिस लाइन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि पिछले दिनों मनोज शर्मा नामक व्यक्ति के खाते से 9.50 लाख रुपये साइबर अपराधियों ने उड़ा दिए थे। भुक्तभोगी ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से करते हुए गुहार लगाई थी। इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस अनुराग आर्य ने साइबर सेल व क्राइम ब्रांच को सख्त दिशा-निर्देश दिए। दोनों टीमें टोह में लग गईं। संयुक्त पुलिस टीम को उस समयय अहम सफलता हाथ लगी जब सोमवार को मुखबिर की सूचना पर जीयनपुर दोहरीघाट मार्ग पर अवरवा चेक पोस्ट के पास रेनाल्ट ट्राइवर एसयूवी कार के साथ 05 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके कब्जे से साइबर क्राइम में प्रयुक्त उपकरण बरामद हुए। पूछताछ में उक्त लैपटाप व मोबाइल जांच के दौरान उक्त मनोज शर्मा के खाते से पैसा उड़ाने की घटना में सम्मिलित होने के साथ-साथ जनपद आजमगढ़ के विभिन्न घटनाओं में सम्मिलित होने के साक्ष्य मिले। पुलिस अधीक्षक ने गिरफ्तार करने वाली टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया।

सीएससी संचालक ऐसे लगाते थे लोगों को चूना

कड़ाई से पूछताछ के दौरान पकड़े गए आरोपितों से पता चला कि पकड़े गए लोगों में दो जन सेवा केंद्र के संचालक हैं। वे अपने-अपने दुकान पर आधार कार्ड के माध्यम से पैसा निकालने आए लोगों के अंगूठे का निशान कागज पर लगवा लेते थे। वे उस निशान को सुदीप यादव व वीरेंद्र यादव की मदद से नगर कोतवाली के पास मुहर बनाने वाले अपने साथी सोनू शर्मा को दे देते थे। सोनू सेलिकान नामक केमिकल की सहायता से अंगूठे के निशानों को उभारते हुए उनकी प्रतिलिपि अंगूठे के रूप में तैयार कर देता था। अब साइबर अपराधी संबंधित व्यक्ति के अंगूठा निशान के क्लोन से अथार्टी देकर आधार नंबर से उसका खाता नंबर व बैलेंस जान लेते थे और उसी निशान के क्लोन से अथार्टी देकर पैसा निकाल लेते थे। उनकी निशानदेही पर सोनू शर्मा उर्फ विनय शर्मा की दुकान से अंगूठा निशान के क्लोन बनाने की मशीन, केमिकल, 4 निगेटिव के अलावा किसी बैंक के कर्मचारी के अंगूठे का भी निगेटिव मिला, अन्य अधिकारियों की मुहर भी बरामद हुई, जो संदिग्ध है।

दूसरों के खाते में रुपये भेजकर करते थे बंटवारा

पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि इस गैंग के मास्टर माइंड राहुल खत्री द्वारा फेक आइडी पर डिजिटल बैंकिंग का वैलेट बनाया गया था। इसमें अंगूठा निशान के क्लोन से ही मनोज शर्मा के खाते से रुपये ट्रांसफर कर लिए गए थे। ये रुपये विभिन्न जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से निकाले गए ताकि किसी को मुख्य गैंग सरगना पर शक न हो। इसके बाद वे रुपये आपस में बांट लिया करते थे। राहुल ने दूसरों के खातों से हैक पैसों से एक एसयूवी ट्राइवर व रेनाल्ट क्विड कार खरीदी थी और घूम-घूमकर विभिन्न जनपदों में अपराध करते थे। अंगूठा निशान उपलब्ध कराने वाले उसका क्लोन बनाने के बाद दूसरे जनसेवा केंद्र संचालक को दे देते थे ताकि उस पर शक न हो। गैंग में शामिल त्रिभुवन चौहान अपने जनसेवा केंद्र के माध्यम से पैसा निकालने में सहयोग करता था।

गिरफ्तार आरोपित

1. राहुल खत्री निवासी खत्रीपार हड़ौरा, थाना घोसी मऊ।

2. सोनू शर्मा उर्फ विनय शर्मा निवासी भदुली थाना सिधारी जनपद आजमगढ़।

3. त्रिभुवन चौहान निवासी सरायसादी थाना घोसी मऊ।

4. सुदीप यादव निवासी बढयां, थाना अतरौलिया आजमगढ़।

5. वीरेंद्र यादव निवासी निजामाबाद जनपद आजमगढ़।

बरामदगी सामान

1. अंगूठा निशान बनाने की क्लोनिंग मशीन व केमिकल।

2. 02 चारपहिया वाहन रेनाल्ट ट्राइवर व क्विड।

3. 03 लैपटाप।

4. 03 थंब इंप्रेशन डिवाइस।

5. 02 हाटस्पाट डिवाइस।

6. 05 मोबाइल फोन।

7. हार्ड डिवाइस फीनो डिजिटल बैंकिंग।

8. 19 हजार 600 रुपये।

गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम

निरीक्षक विमल प्रकाश राय, निरीक्षक कुमुद शेखर सिंह, निरीक्षक डीके चौधरी, आरक्षी अरुण यादव क्राइम ब्रांच व आरक्षी शैलेंद्र कन्नौजिया साइबर सेल।


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