परिषदीय विद्यालय : 11 शिक्षकों के खिलाफ दर्ज होगी प्राथमिकी,जनपदों के बीएसए को कार्रवाई करने का दिया निर्देश
फर्जी डिग्री के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में बने अध्यापकों पर जल्द ही गाज गिरनी तय है। एसआइटी की एक टीम ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।
वाराणसी, जेएनएन। फर्जी डिग्री के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में बने अध्यापकों पर जल्द ही गाज गिरनी तय है। एसआइटी की एक टीम ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इसमें वाराणसी मंडल के 11 अध्यापकों के अंकपत्र व प्रमाणपत्र जाली मिले हैं। शासन ने संबंधित जिलों के बीएसए से इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने वीडियो कांफेंसिंग कर विभागीय त्रिसदस्यीय समिति व एसआइटी की जांच में अध्यापकों के फर्जी मिले डिग्री के संबंध में समीक्षा की। इसमें उन्होंने समस्त जनपदों के बीएसए से जांच में फर्जी अंकपत्र मिले अध्यापकों को तत्काल बर्खास्त करने व उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। एडी (बेसिक) प्रवीण कुमार उपाध्याय ने बताया कि सभी 11 अध्यापकों ने डा. भीमराव आंबेडकर आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री लगाई है। एसआइटी की जांच में पोल खुल गई है। वहीं एसआइटी की दूसरी टीम संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्री बने अध्यापक के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का सत्यापन करा रहा है। ऐसे में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी कर रहे अध्यापकों पर कार्रवाई तय है। उन्होंने बताया कि वाराणसी में तीन जौनपुर दो व चंदौली में एक अध्यापक ने कोर्ट से स्टे ले लिया है। ऐसे में पहले उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद उन्हें बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं गाजीपुर के पांच अध्यापकों को बर्खास्त करने के साथ शासन ने एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
20 और अध्यापकों की डिग्री मिली फर्जी
बेसिक शिक्षा विभाग ने विभागीय स्तर पर भी अध्यापकों की डिग्री के सत्यापन करा रहा है। एडी-बेसिक की अध्यक्षता में विभागीय त्रिसदस्यीय समिति बनाई गई है। विभागीय समिति को चंदौली में 12 व जौनपुर में आठ अध्यापकों की डिग्री फर्जी मिली है। वहीं वाराणसी व गाजीपुर में जांच अभी जारी है।