Azamgarh में पराली जलाने पर 11 किसानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज, ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस
पराली जलाने से हो रहे पर्यावरण प्रदूषण को लेकर एनजीटी और कोर्ट सख्त है। एक तरफ सेटेलाइट लाइट से पराली जलाए जाने के स्थान की फोटो भेजी जा रही है। दूसरी तरफ जिला प्रशासन व कृषि विभाग भी कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए पड़ताल कर रहा है।
आजमगढ़, जेएनएन। पराली जलाने से हो रहे पर्यावरण प्रदूषण को लेकर एनजीटी(राष्ट्रीय हरित न्याधिकरण) और कोर्ट सख्त है। एक तरफ सेटेलाइट लाइट से पराली जलाए जाने के स्थान की फोटो भेजी जा रही है। दूसरी तरफ जिला प्रशासन व कृषि विभाग भी कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए पड़ताल कर रहा है। तहसील मार्टीनगंज के चार किसानों के खिलाफ संबंधित लेखपालों ने एफआइआर दर्ज कराया। अर्थदंड का निर्धारण का वसूली के लिए पराली जलाने वाले किसानों को नोटिस जारी किया गया। साथ ही घटना पर रोक न लगा पाने पर संबंधित गांवों के ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जबकि एक हार्वेस्टर संचालक को एसएमएस(स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम) न लगाने पर चेतावनी दी गई।
उप जिलाधिकारी मार्टीनगंज वागीश कुमार शुक्ला ने बताया कि दीदारगंज थाना अंतर्गत लाडपुर बक्सू गांव निवासी धर्मादेवी पत्नी गनई, मोहन राजभर पुत्र रामदेव व महेंद्र पुत्र झूरी एवं करुई गांव निवासी अंगद पुत्र जैतून, सुबाषचंद्र व गुलाब चंद पुत्र सामू और राजाराम पुत्र गोबर्धन, सरायमीर थाने में छित्तेपुर गांव के अनस अहमद पुत्र मुन्ना आलम, बरदह थाने में कुर्थुआ गांव निवासी ओमप्रकाश पुत्र हरखू,रमेश व सुरेश पुत्र मेवा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। संबंधित गांवों के चौकीदारों व लेखपालों को निर्देशित किया गया है कि पराली जलाने की घटनाओं पर सतर्क नजर रखें। जानकारी मिलते ही सूचना दें, जिससे संबंधित के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे लोग
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार लाख कवायद करे, प्रशासन सैटेलाइट बिठा ले, पर कुछ लोग मानेंगे नहीं। अभी भी क्षेत्र में पराली जलाने का अभियान बदस्तूर जारी है। कुछ लोग सारे नियमों, अपीलों को धता बता कर अपनी मनमानी कर रहे हैं। हालांकि ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी हो रही है, फिर भी इन्हें समझ में नहीं आता। मंगलवार की शाम को खेत में पराली जलाने का ²श्य दिखा रानीपुर थाना क्षेत्र के उमती ग्रामसभा में।