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जिलाधिकारी के खेत से जबरन धान काटने पर पांच किसानों पर मुकदमा, गैंगस्टर के साथ कुर्की की कार्रवाई

चंदौली जिले में सदर तहसील के जसूरी गांव में जिलाधिकारी के नाम से दर्ज जमीन पर रोपे गए धान की जबरन कटाई करना किसानों को महंगा पड़ा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 07:10 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 07:10 AM (IST)
जिलाधिकारी के खेत से जबरन धान काटने पर पांच किसानों पर मुकदमा, गैंगस्टर के साथ कुर्की की कार्रवाई
जिलाधिकारी के खेत से जबरन धान काटने पर पांच किसानों पर मुकदमा, गैंगस्टर के साथ कुर्की की कार्रवाई

चंदौली, जेएनएन। जिले में सदर तहसील के जसूरी गांव में जिलाधिकारी के नाम से दर्ज जमीन पर रोपे गए धान की जबरन कटाई करना किसानों को महंगा पड़ा। तहसील प्रशासन ने पांच नामजद किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। वहीं गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही। फसल की कीमत वसूलने के लिए आरोपितों की संपत्ति कुर्की की तैयारी की जा रही। प्रशासनिक सख्ती से किसानों में खलबली मची है। वहीं आरोपित किसान अब घर-बार छोड़कर फरार हो गए हैं।

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दरअसल जसूरी गांव में कबीर मठ की 40 बीघा जमीन भू-अभिलेखों में जिलाधिकारी चंदौली के नाम से दर्ज है। करीब दो वर्ष पहले जमीन डीएम के नाम दर्ज हुई। लेकिन जिला प्रशासन अपनी ही जमीन की देखरेख के प्रति लापरवाह बना रहा। इसका नजीता रहा कि जमीन पर भू-माफियाओं की नजर गड़ गई। भू-माफियाओं ने जमीन को अपना बताते हुए गांव के किसानों को खेती करने के लिए गिरवी रख दी। किसान एक साल तक बेरोकटोक धान, गेहूं और सब्जी की खेती करते रहे। गत वर्ष इसकी शिकायत एसडीएम से की तो मामला संज्ञान में आने पर प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई। तहसील प्रशासन ने जमीन की नापी कराकर सीमांकन कराया और किसानों को खेती करने से रोक दिया। लेकिन अधिकारियों के सुस्त पड़ते ही किसान दोबारा हावी हो गए और जमीन पर कब्जा कर धान रोप दिया। उपजिलाधिकारी न्यायालय ने नवंबर माह में फसल को कुर्क करने का आदेश दिया था। बेखौफ किसान शनिवार को 379 एयर धान की फसल काट कर ले गए। बनारसी यादव, नरङ्क्षसह यादव, रामलाल, मनोज यादव और प्रमोद यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। 

कबीर मठ की थी 57 बीघा जमीन

जसूरी गांव में कबीर मठ के नाम 57 बीघा जमीन थी। करीब दो दशक पहले मठ के महंत व ट्रस्टी की मौत हो गई थी। इसके बाद जमीन एक दशक तक लावारिस पड़ी थी। जमीन का कोई वारिस न होने की वजह से भू-अभिलेखों में 40 बीघा जमीन दो वर्ष पूर्व जिलाधिकारी के नाम से दर्ज हो गई। जबकि आठ बीघा जमीन अभी तक लावारिस हाल में है। सात बीघा जमीन पर गांव के कुछ लोगों ने खेती-बाड़ी और मकान बना लिया है। 

एसडीएम ने दारोगा की लगाई क्लास

मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। हल्का इंचार्ज ने मौके पर धान न काटे जाने की रिपोर्ट लगाई। जबकि लेखपाल की रिपोर्ट में धान काटे जाने की पुष्टि हुई है। इस पर एसडीएम ने हल्का इंचार्ज की जमकर क्लास लगाई और ईमानदारी के साथ काम करने की हिदायत दी। 

बोले एसडीएम : किसानों की ओर से 379 एयर में रोपे गए धान की कटाई का मामला संज्ञान में आया है। इस पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। उनके खिलाफ गैंगस्टर की भी कार्रवाई होगी। -हीरालाल, सदर उपजिलाधिकारी।


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