मीरजापुर में फाइनेंस कंपनी के कर्मियों ने ही रची थी लूट की साजिश, तीन गिरफ्तार
सूर्या ज्योति माइक्रो फाइनेंस कंपनी के दो कर्मचारियों ने ही मीरजापुर मडि़हान थाना क्षेत्र के बेला जंगल में गुरुवार को ढाई लाख रुपये की हुई लूट की साजिश रची थी।
मीरजापुर, जेएनएन। सूर्या ज्योति माइक्रो फाइनेंस कंपनी के दो कर्मचारियों ने ही मडि़हान थाना क्षेत्र के बेला जंगल में गुरुवार को ढाई लाख रुपये की हुई लूट की साजिश रची थी। इसका खुलासा करते हुए स्वाट व मडि़हान पुलिस की टीम ने क्षेत्र के हरिहरा पुलिया के पास से तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से लूटे गए ढाई लाख रुपये, बाइक व पांच मोबाइल बरामद करते हुए सभी को जेल भेज दिया गया। ये बातें पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर ङ्क्षसह ने पुलिस लाइन में पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं।
एसपी ने बताया कि अमरेश मौर्या पुत्र संकठा व संजय कुमार कोल पुत्र स्व. रामसजीवन निवासी जमुई मडि़हान व अजित मौर्या सूर्या ज्योति माइक्रो फाइनेंस कंपनी मडि़हान में काम करते हैं। ये लोग कंपनी द्वारा समूह की महिलाओं को बांटे गए लोन की किश्त को वसूलने का कार्य करते हैं। गुरुवार की दोपहर एक बजे अमरेश व संजय ने पुलिस को फोन कर बताया कि वे लोग उपभोक्ताओं से लोन के किश्त दो लाख 44 हजार रुपये वसूल कर मडि़हान से बरौधा कचार स्थित हेड आफिस जमा करने जा रहे थे। दोपहर एक बजे ङ्क्षवढमफाल रोड पर बेला जंगल के पास बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने उनकी बाइक में पीछे से धक्का मार दिया। जिससे वे अनियंत्रित होकर झाड़ी में गिरकर बेहोश हो गए। बदमाश रुपये से भरे बैग लेकर फरार हो गए। करीब चार बजे उनको होश आया तो वे लेाग झाड़ी से बाहर निकलकर आए और सूचना दी। जानकारी होने पर मडि़हान निरीक्षक राजकुमार ङ्क्षसह ने मामले से फाइनेंस कंपनी के एमडी त्रिवेणी प्रसाद मौर्या को सूचना देकर बुलाया। मौके पर पहुंचे कंपनी के मालिक को कर्मचारियों द्वारा गोलमाल जवाब देने पर आशंका हुई। उन्होंने कर्मियों पर ही रुपए गायब करने की आशंका जताते हुए तहरीर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य आरोप में मुकदमा पंजीकृत कर उन्हें हिरासत में ले लिया। कड़ाई से पूछताछ में बताया कि इतने रुपए देखकर उनके मन में लालच आ गया और गायब करने के लिए लूट की फर्जी साजिश रच डाली। रुपए को अपने एक परिचित अजित मौर्या के मध्यम से गौरीशंकर मौर्या पुत्र सिताराम निवासी गुरुदेव नगर मडि़हान के यहां रखा था। पुलिस ने इनकी निशानदेही पर रुपये बरामद कर लिए।
कैसे हुआ शक
फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने सोचा कि कंपनी के वे ढाई लाख गबन कर जाएंगे और उनका कुछ नहीं होगा। यहीं कारण हैं कि लूट की फर्जी साजिश रचते हुए उन्होंने पुलिस को गुमराह किया। सूचना देकर बताया कि वे लोग मडि़हान से कटरा कोतवाली के बरौधा कचार करीब 70 किलोमीटर की स्पीड से जा रहे थे। इसी दौरान बाइक सवार बदमाशों ने उनकी बाइक में टक्कर मार दिया। जिससे वे अनियंत्रित होकर झाड़ी में गिर गए। इसी बात पर पुलिस को शक हो गया। कि अगर कोई भी व्यक्ति 70 किलोमीटर की रफ्तार जमीन पर गिरेगा तो उसको कहीं न कहीं चोट आएगी। साथ ही झांड़ी में गिरने पर उसके कपड़े पर कोई न कोई निशान होंगे। बाइक भी क्षतिग्रस्त होगी। लेकिन ऐसा कुछ नही था। उनके कपड़े एकदम क्लीन थे। बाइक को कुछ नुकसान नहीं पहुंचा था। यहीं नहीं घटना के तीन घंटे बाद उन लोगों ने सूचना दी। साथ ही सीएचसी पर इलाज कराने की बजाय एक निजी चिकित्सक के यहां कराया।