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वाराणसी में नगर विस्तार में शामिल हुए गांवों के रहनवारों को शहरी होने का अब होने लगा है अहसास

नगर विस्तार को कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद से ग्रामीणों में गजब उत्साह देखने को मिल रहा है। शहरी आवरण ओढ़ चुके गांवों के चट्टी-चौराहों पर बस इस मसले को लेकर चर्चा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 10:31 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 10:31 AM (IST)
वाराणसी में नगर विस्तार में शामिल हुए गांवों के रहनवारों को शहरी होने का अब होने लगा है अहसास
वाराणसी में नगर विस्तार में शामिल हुए गांवों के रहनवारों को शहरी होने का अब होने लगा है अहसास

वाराणसी [श्रवण भारद्वाज]। नगर विस्तार को कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद से ग्रामीणों में गजब उत्साह देखने को मिल रहा है। शहरी आवरण ओढ़ चुके गांवों के चट्टी-चौराहों पर बस इस मसले को लेकर चर्चा है। बतकही का सार यही समझ में आ रहा है कि मानो लंबी कवायद के बाद धारा 370 जैसी कोई बाधा दूर हो गई है। अब नव सृजन की उम्मीद जग गई है। दिल से निकले शब्द एक ही बात कह रहे हैं कि गांव तो पहले से हो गया था शहर, अब मिला सम्मान।

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नगर विस्तार को लेकर गांवों में शहरी होने का अहसास होने लगा है। शिवदासपुर, मंडुआडीह, चांदपुरी, महेशपुर के ग्रामीणों का मानना है कि अब उनके इलाके में भी सुविधाएं विकासित होंगी। सीवर ओवरफ्लो, बजबजाती गंदगी, दूषित पेयजल आपूर्ति जैसी समस्याएं दूर होंगी। शिवदासपुर में सीवर व सड़क की समस्या काफी गंभीर है। कई वर्ष से जनता परेशान है। काशी विद्यापीठ ब्लॉक को जाने वाली सड़क बहुत खराब है। इसका दंश ग्रामीण लंबे समय से झेल रहे हैं। उम्मीद है कि नगर निगम आने से सभी गांवों के नाला व सड़क दुरुस्त हो जाएंगे। ज्यादातर गावों में कालोनियों व बस्तियों में जर्जर तार लटकते रहते हैं। करंट लगने का खतरा बना रहता है। गांवों के रास्ते कच्चे हैं। ड्रेनेज सिस्टम को ही सीवेज सिस्टम के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। मंडुआडीह चौराहे से एफसीआई तिराहा व मंडुआडीह चौराहे से मड़ौली मार्ग पर आधा दर्जन खुले मैनहोल हैं। 

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया 

गांव में न तो ठीक से सड़क है, न ही पेयजल की पाइप है। न ही बिजली के दुरुस्त तार हैं। विद्युत आपूर्ति के नाम पर केवल एक फेज लाइन है। बिना मूलभूत सुविधाएं बहाल किए नगर निगम क्षेत्र घोषित होना जनता के साथ धोखा है। - स्मिता शर्मा, महेशपुर।

ठीक से शहरीकृत गांव तो बन नहीं पाया, बिना सुविधा बहाल किए नगर निगम क्षेत्र घोषित करना जनता के साथ छलावा होगा। नगर निगम क्षेत्र घोषित करने से पहले मानकों के अनुरूप सुविधाओं का विकास करना उचित होगा। - रेखा सिंह, महेशपुर।

सीवर व सड़क की समस्या गंभीर है। सबसे खराब स्थिति ब्लॉक रोड की है। सड़क व सीवर की समस्या काफी जटिल हो गई है। जनता काफी दिनों से झेल रही है। नगर निगम में आने से सड़क व सीवर की समस्या दुर होगी। -शिवानंद राजभर, शिवदासपुर।

नगर निगम में आने से हमारे गांव में भी कूड़ा का उठान शुरू हो जाएगा। इससे हर ओर स्वच्छता दिखेगी। संक्रामक रोग होने की आशंका कम होगी। सुविधाएं मिलेंगी तो टैक्स देने में कोई परहेज नहीं होगा। -संदीप केसरी, शिवदासपुर।

सबसे बड़ी समस्या सफाई और कोटे के अंतर्गत अनाज के सही वितरण की है। इसके अलावा अब ऑटो रिक्शा का सही संचालन व स्टैंड होगा तो जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी। क्षेत्र का समुचित विकास हो सकेगा। - ओमप्रकाश पटेल, चांदपुर

ग्राम सभा चांदपुर को आंशिक नगर निगम में आने से खुशी है। सीवर व पेयजल की समस्या का समाधान जल्द से जल्द हो जाएगा। गांव में सभी सुविधाएं नगर की तरह मुहैया होंगी। कालोनियों में पर्याप्त बिजली मिलेगी।

- गणेश पाल, चांदपुर।

मंडुआडीह नगर निगम आने पर स्वागत करते है। गांव में सीवर नहीं है। बरसात के समय सड़क पर पानी लग जाता है। गांव में पक्की सड़क व स्ट्रीट लाइट नहीं है। उम्मीद है कि नगर निगम में शामिल होने पर ये सुविधाएं मिलेंगी। -अशोक मौर्या, मंडुआडीह

मंडुआडीह में गंदगी अधिक है। स्कूली बच्चों को समस्या होती है। गंदगी से बीमारी फैलने का खतरा रहता है। नगर निगम में आने से कूड़ा उठान शुरू हो जाएगा। इसके बाद बड़ी समस्या समाप्त हो जाएगी। पूरा इलाका साफ नगर आएगा। -बबलू मौर्या-मंडुआडीह

जिम्मेदारों की प्रतिक्रिया

ब्लॉक रोड पर कई बार मैनहोल को ढका गया लेकिन भारी वाहनों से वह बार-बार टूट जाता है। कहा कि हर बार मैनहोल का ढक्कन मजबूत लगाया जाता है लेकिन भारी वाहनों का भार वह सह नहीं पाते। - रमाकांत यादव, सचिव, शिवदासपुर।

ज्यादातर गांव नगर निगम में शामिल होने से अच्छा रहेगा। ब्लॉक में वह संसाधन नहीं है जो नगर निगम के पास है। सीवर की सफाई, कूड़े का निस्तारण बेहतर ढंग से होगा। -आरके द्विवेदी, प्रभारी बीडीओ, काशी विद्यापीठ ब्लॉक।


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