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किसान मधुमक्खी पालन को सहयोगी व्यवसाय के रूप में अपनाएं, वाराणसी में बोले विशेष सचिव

विशेष सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण एनपी पांडेय ने कहा है कि किसानों को मधुमक्खी पालन को कृषि के सहयोगी व्यवसाय के रूप में अपना ने का आह्वान किया। किसानों को शहद की ब्रांडिंग करने एवं इसमें उद्यान विभाग द्वारा पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन भी दिया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 05:08 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 05:08 PM (IST)
किसान मधुमक्खी पालन को सहयोगी व्यवसाय के रूप में अपनाएं, वाराणसी में बोले विशेष सचिव
वाराणसी के सेवापुरी में दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ करते विशेष सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण एनपी पांडेय।

वाराणसी, जेएनएन। विशेष सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण एनपी पांडेय ने कहा है कि किसानों को मधुमक्खी पालन को कृषि के सहयोगी व्यवसाय के रूप में अपना ने का आह्वान किया। गुरुवार को सेवापुरी विकास खंड के घोसिला गांव में स्थित राष्ट्रवीर निहाला रति कालेज आफ कामर्स एंड मैनेजमेंट में दो दिवसीय संगोष्ठी कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि पद से बोल रहे थे। इस अवसर पर किसानों को शहद की ब्रांडिंग करने एवं इसमें उद्यान विभाग द्वारा पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन भी दिया गया।

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विशेष सचिव उद्यान द्वारा नीति आयोग से निर्धारित कार्यक्रमों में एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना अंतर्गत चयनित कृषकों में से राजाराम और पप्पू ग्राम दौलतिया को अनुदान पर दिए जाने वाले मधुमक्खी के बॉक्स को प्रतीकात्मक रूप में वितरण कर शुभारंभ किया गया। संयुक्त निदेशक उद्यान डॉक्टर आरके तोमर द्वारा बताया गया कि देश में उत्पादित शहद का 25 से 30 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में होता हैतथा जनपद में वर्तमान सहदउत्पादन 15000 किलोग्राम को बढ़ाकर कम से कम 1000 कुंटल तक ले जाने की आवश्यकता है । उनके द्वारा किसानों को बताया गया कि जो दिखता है वही बिकता है अतः पैकिंग, प्रोसेसिंग इस पर ज्यादा से ज्यादा कार्य करने की आवश्यक ता है इस हेतु हाफेड सहकारी संस्था उद्यान द्वारा योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ किसान ले सकते हैं। कार्यक्रम में डॉक्टर आनंद त्रिपाठी वैज्ञानिक भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान द्वारा मौन पालन की प्रारंभिक जानकारी दिया गया डॉ रमेश प्रताप सिंह सेवानिवृत्त वैज्ञानिक नरेंद्र कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अयोध्या द्वारा प्रकृति के संरक्षण को मधुमक्खी पालन से जोड़ते हुए फसल उत्पादन में 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि होने के बारे में विस्तार से बताया गया। इस अवसर पर डॉआर सिंह सेवानिवृत्त वैज्ञानिक राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा, डॉक्टर एनके सिंह कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा केंद्र पर उपलब्ध मधुमक्खी पालन की सुविधाओं की जानकारियां दी गई कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत जिला उद्यानअधिकारी संदीप कुमार गुप्त द्वारा करते हुए विभागीय योजनाओंकी जानकारी दी गई एवं उप निदेशक उद्यान मुन्ना यादव द्वारा उद्यानिकी फसलों से कृषकों को जोड़ने हेतु आवाहन करते हुए जैविक खेती करने का अनुरोध किया गया।

उप कृषि निदेशक राजीव कुमार द्वारा आय दुगनी करने हेतु उत्पादन बढ़ाने, लागत कम करने तथा बाजार में उचित मूल्य प्राप्त होने का सामंजस्य बताया कार्यक्रम का संचालन ज्योति कुमार सिंह द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम में जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्य, सुनील तोमर, अनुराग सिंह, हरिशंकर सिंह ,बचाऊ लाल ,सुनील भास्कर, रविंद्र सिंह, रोशन लाल, गोरखनाथ सिंह सहित 200 से अधिक कृषकों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्रशिक्षण में सहभागिता की गई ।इसके पूर्व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया


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