सूडान में अधेड़ की मौत, हत्या का आरोप लगाते हुए परिजन शव लेकर पहुंचे थाना
जफराबाद थाना क्षेत्र के मोथहा गांव निवासी राम सिंह निषाद (56) की सूडान में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। आठ दिन बाद परिजन शव लेकर यहां जफराबाद थाना पहुंचे।
जौनपुर, जेएनएन। जफराबाद थाना क्षेत्र के मोथहा गांव निवासी राम सिंह निषाद (56) की सूडान में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। आठ दिन बाद परिजन शव लेकर यहां जफराबाद थाना पहुंचे। परिजन हत्या का आरोप लगाते हुए शव का पुनः पोस्टमार्टम कराने की मांग कर रहे हैं। पुनः पोस्टमार्टम की मांग पर थानेदार ने असमर्थता जताई तो लोग शव लेकर जिलाधिकारी के आवास पर पहुंच गए। पुलिस ने बल पूर्वक उन्हें वहां से हटा दिया। परिजनों ने उपजिलाधिकारी सदर को भी पत्रक देकर पोस्टमार्टम की मांग की है। शव लेकर परिजन अभी भी इधर- उधर भाग दौड़ कर रहे हैं। एक ओर मर्चरी में रखा हुआ शव से दुर्गंध आ रही रही, इधर परिवार वालों की बेचैनी बढ़ती जा रही है।
दिन में लगभग पौने नौ बजे मर्चरी में रखा हुआ राम सिंह का शव लेकर परिजन जफराबाद थाने पहुंचे। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए पोस्टमार्टम की मांग किया तो थानाध्यक्ष पर्व कुमार सिंह ने बताया कि सूडान में पोस्टमार्टम हो चुका है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी लगाकर मरने की बात आई है। इस पर परिजनों ने कहा कि हम वहां के पोस्टमार्टम रिपोर्ट को नही मानेंगे। यहां पुनः पोस्टमार्टम कराइये। थानाध्यक्ष ने परिजनों को दुबारा पोस्टमार्टम कराने में असमर्थता जताते हुए कहा कि इसके लिए जिलाधिकारी के पास जाकर बात करिये। अभी भी लोग इधर उधर भटक रहे हैं। मृतक राम सिंह के पुत्र सचिन ने बताया कि 12 जनवरी को दिन में लगभग बारह बजे मेरे पिता ने फोन करके यह कहा कि अब मैं घर वापस नही आ पाऊंगा और फिर फोन कट गया। सचिन ने बताया कि तीन घण्टे बाद पुनः मुंबई से मेरे पिताजी के दोस्त का फोन आया और यह बताया कि अब वे नही रहे। पिता के मौत की खबर सुनकर परिजनों में कोहराम मच गया। सचिन ने सूडान उस कम्पनी में फोन करके मामले की जानकारी चाही तो उन्हें यही बताया गया कि उन्होंने फांसी लगाकर जान दे दिया है। शव दिल्ली भेजा जा रहा है। वहां एयरपोर्ट पर जाकर शव ले लीजिए। सूचना पर सचिन अन्य परिजनों के साथ दिल्ली पहुंचकर पिता के शव को लेकर सीधा जफराबाद थाने पहुंचकर पुनः पोस्टमार्टम कराने की मांग कर रहे हैं। सचिन की माने तो उनके पिता को सात महीने से वेतन नही मिल रहा था।