गाजीपुर में छह माह से फरार फर्जी महिला शिक्षक गिरफ्तार, बेसिक शिक्षा विभाग ने दर्ज कराया था एफआइआर
गाजीपुर में छह माह से फरार फर्जी महिला शिक्षक गिरफ्तार कर लिया गया। बेसिक शिक्षा विभाग ने एफआइआर दर्ज कराया था।
गाजीपुर, जेएनएन। दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के अमारी रेलवे क्रासिंग के पास से शनिवार की सुबह दुल्लहपुर पुलिस ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी कर रही महिला शिक्षक अनीता यादव को गिरफ्तार कर लिया। वह विगत छह माह से फरार चल रही थी। आरोपित शिक्षक का प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इसी वर्ष जनवरी माह में दुल्लहपुर थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
इस मामले की विवेचना कर रहे दुल्लहपुर थाने के एसआई रामअनुग्रह पांडेय ने बताया कि पकड़ी गयी फर्जी शिक्षिका अनीता यादव पत्नी शोभनाथ मऊ जनपद के चिरैयाकोट थाना के ग्राम हीरापुर पोस्ट सुल्तानीपुर की रहने वाली है। जिसकी नियुक्ति विकास खंड जखनियां के दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के ओडऱाई स्थित प्राथमिक विद्यालय पर थी। जिसका बीटीसी एवं टेट का प्रमाण पत्र विभागीय जांच में फर्जी पाया गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे पकडऩे के लिए पुलिस ने कई बार इसके ठिकाने पर दबिश दी लेकिन फरार हो जाती थी। शनिवार की सुबह मुखबिर से सूचना मिली की उक्त फर्जी शिक्षिका अपने पति के इसी रास्ते से होकर कहीं जाने वाली है। सूचना पर एसआई रामअनुग्रह पांडेय के साथ पुलिस चंद्रमोहन यादव, चंद्रदेव के साथ महिला कांस्टेबल अंबालिका ने घेराबंदी कर फर्जी शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया। रामअनुग्रह पांडेय ने बताया कि उक्त महिला मेडिकल जांच के बाद उसे जेल भेज दिया गया।
चार विद्यालयों के प्रबंधकों पर गाज गिरनी तय
अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में हुई अनियमित नियुक्तियों को लेकर भी शासन सख्त है। शासन ने बीएसए से इस मामले में दोषी संबंधित विद्यालयों के प्रबंधकों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। ऐसे में जनपद में चार विद्यालयों के प्रबंधकों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग से संबद्ध 13 जूनियर हाईस्कूलों में सत्र 2015-16 में करीब 60 अध्यापकों व कर्मचारियों की नियुक्तियां हुई थीं। कुछ अभ्यर्थियों ने उस समय नियुक्तियों में अनियमितता की शिकायत शासन से भी की थी। शासन के निर्देश पर इस प्रकरण की जांच तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक, प्रयागराज ने किया था। संयुक्त शिक्षा निदेशक की जांच रिपोर्ट के आधार पर आठ शिक्षकों की नियुक्ति रद कर दी गई थी। वहीं, जांच से असंतुष्ट कुछ अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से भी की थी।