पूर्वांचल के एमएसएमई उद्योग में विदेशी निवेश होने से रोजगार की होगी सुविधा, उद्योग मंत्री से चर्चा
पूर्वांचल में अधिक से अधिक विदेशी निवेश आते हैं। इसलिए पूर्वांचल में उद्योग एवं व्यापार की अधिक संभावनाएं हैं।
वाराणसी, जेएनएन। उद्योग में आ रही वित्त एवं अन्य समस्याओं को लेकर सोमवार को वेबिनार पर प्रदेश के उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, सचिव नवनीत सहगल ने उद्यमियों के साथ चर्चा की। इसमें चांदपुर औद्योगिक आस्थान संघ के महामंत्री पीयूष अग्रवाल ने कहा कि पूर्वांचल में अधिक से अधिक विदेशी निवेश आते हैं। इसलिए पूर्वांचल में उद्योग एवं व्यापार की अधिक संभावनाएं हैं। विशेष रूप एमएसएमई उद्योग जो वर्तमान में कई समस्याओं से परेशान हैं उनके लिए यह एक अवसर होगा।
कृषि प्रधान उद्योगों के लिए भी इस क्षेत्र में निवेश की बहुत आवश्यकता है। इस पर केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे इस ओर ध्यान देंगे। वाराणसी के साड़ी उद्योग की समस्याओं से भी उद्यमियों ने मंत्री का अवगत कराया। अनुरोध किया कि अगर कुछ समय के लिए ब्याज मुक्तऋण इनको उपलब्ध हो तभी यह उद्योग संभल पाएगा।
बैठक दर बैठक और समस्या जस की तस
जिला स्तर पर प्रतिमाह, मंडल स्तर पर दो एवं राज्य स्तर पर तीन माह में उद्योग बंधु की बैठक होती है। अक्सर ही देखा जाता है कि बैठक दर बैठक होती रहती हैं और उसके मुद्दे एवं उद्यमियों-व्यापारियों की समस्या जस की तस बनी रहती हैं। अब वाराणसी को ही ले लीजिए। यहां जनवरी में हुई बैठक में जो मुद्दे थे वही जून में पिछले दिनों हुई बैठक में भी छाए रहे। हालांकि सरकार की ओर से प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र की उत्पादकता में तेजी लाये जाने और रोजगार के अवसर बढ़ाए जाने के लिए समूचे मानीटरिंग सिस्टम में उद्योग बंधुओं की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बनाया जा रहा है। मुख्य सचिव के द्वारा जारी शासनादेश में अब उद्योग बंधु को एक सेतु या इंटरफेस की भूमिका में रखा गया है। निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य स्तरीय उद्योगबंधु समिति का गठन भी किया जा रहा है। औद्योगिक आस्थान चांदपुर में नाली के निर्माण के लिए 2018 में ही 11 करोड़ राशि स्वीकृत हुई थी। बावजूद इसके संबंधित विभाग इतने लापरवाही एवं गैर जिम्मेदार हैं कि इस राशि से कार्य कराने की जहमत नहीं उठाई।