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वाराणसी में दुकानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को मिले जीविकोपार्जन भत्ता, प्रतिबंध के साथ दुकानें खोलने की अनुमति भी

कोरोनाकाल में चौपट हो चुके व्यापार को उबारने को लेकर फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) उत्तर प्रदेश इकाई ने बुधवार को आनलाइन बैठक की। पदाधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि व्यापारियों की समस्याओं को जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष रखा जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 05:10 PM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 05:56 PM (IST)
वाराणसी में दुकानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को मिले जीविकोपार्जन भत्ता, प्रतिबंध के साथ दुकानें खोलने की अनुमति भी
फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) उत्तर प्रदेश इकाई ने बुधवार को आनलाइन बैठक

वाराणसी, जेएनएन। कोरोनाकाल में चौपट हो चुके व्यापार को उबारने को लेकर फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) उत्तर प्रदेश  इकाई ने बुधवार को आनलाइन बैठक की। इसमें फैम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयेंद्र तन्ना व राष्ट्रीय चेयरमैन सीएच कृष्णा के समक्ष पूर्वांचल प्रभारी प्रेम मिश्रा, फैम राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र गोयंका, पूर्वाचल के महामंत्री अशोक जायसवाल, पूर्वाचल मिडिया प्रभारी  सोमनाथ विश्वकर्मा, राष्ट्रीय कार्य सीमित सदस्य व प्रदेश संगठन मंत्री जितेंद्र चतुर्वेदी ने व्यापारियों की समस्याएं रखी। इस पर पदाधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि व्यापारियों की समस्याओं को जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष रखा जाएगा।

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बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि कोरोना ने प्रदेश के करीब 80 लाख व्यापारियों के रोजगार पर असर डाला है। मांग किया कि जिस प्रकार बैंक, गल्ला, सब्जी, दवा, उद्योग, ट्रांसपोर्ट, आबकारी आदि दुकानों आदि को प्रतिबंध के साथ खोलने की छूट दी गई है उसी प्रकार अन्य दुकानों को भी खोलने की अनुमित मिले।

बताया कि बिजली कंपनियों का नया प्रस्ताव विधुत नियामक आयोग को भेजा गया है, जिससे रेगुलरटी सरचार्ज लागू करने के प्रदेश के समस्त बिजली उपभोक्ताओं पर 12 से 15 फीसद भार बढ़ जाएगा। मांग किया है आयोग विद्युत कंपनियों की इस मांग को ठुकराएं। मांग किया कि लॉकडाउन अवधि के सभी फिक्स डिमांड चार्ज व अन्य सरचार्ज के साथ वाणिज्यिक विद्युत शुल्क को माफ करने किया जाए। ताकि व्यापारियों को थोड़ी राहत मिल सके। इसके अलावा बंदी अवधि के लिए सभी प्रकार की बैंक लिमिट और टर्म लोन आदि के ब्याज को हम पूरी तरह माफ करने की भी मांग की है।

व्यापारियों ने यह भी कहा कि जिस प्रकार श्रमिकों, रेहड़ी पटरी वालों को प्रत्येक महीने  1000 रुपये व तीन माह तक मुफ्त में अनाज देने की व्यवस्था की है उसी तरह प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए भी सुविधा प्रदान की जाए। साथ ही उनके जीविकोपार्जन के लिए एक न्यूनतम जीवन निर्वाह भत्ता भी उनके बैंक खाते में भेजने की व्यवस्था की जाए।

मांग किया कि  जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारी को आकस्मिक दुर्घटना की तर्ज पर इस महामारी से मृत व्यापारी के परिजनों को कम से कम 10 लाख की मुआवजा दी जाए व जरूरी दवाएं देने के साथ ही आक्सीजन आक्सीमिटर को जीएसटी चार्ज से मुक्त किया जाए। इस बैठक में प्रदेश मंत्री गोकुल शर्मा, मंत्री यूआर सिंह, मंडल मंत्री मनीष गुप्ता, रजनीश कनौजिया, जिला अध्यक्ष वेद अग्रवाल, महामंत्री विनोद गुप्ता, जिला युवा अध्यक्ष गौरव सुनेजा, महामंत्री संजय सिंह आदि मौजूद थे।


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