मतगणना में ड्यूटी के लिए कर्मचारियों ने सुरक्षा को लेकर उठाया सवाल, प्रशासन नहीं करे नजर अंदाज
कर्मचारियों की पंचायत चुनाव के मतगणना में ड्यूटी लगाने पर कर्मचारी नेताओं ने नाराजगी जाहिर की। वैश्विक महामारी की चपेट में लोग तेजी से आ रहे हैं आए दिन मौतें हो रही हैं लेकिन सुरक्षा के नाम पर जिला प्रशासन की ओर से कुछ भी नहीं किया गया है।
वाराणसी, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के बाद भी कर्मचारियों की पंचायत चुनाव के मतगणना में ड्यूटी लगाने पर कर्मचारी नेताओं ने नाराजगी जाहिर की। वैश्विक महामारी की चपेट में लोग तेजी से आ रहे हैं, आए दिन मौतें हो रही हैं लेकिन सुरक्षा के नाम पर जिला प्रशासन की ओर से कुछ भी नहीं किया गया है।
कई कमचारियों की जान तक चली गई। इससे साफ जाहिर होता है शासन-प्रशासन को कर्मचारियों की चिंता नहीं है। कर्मचारियों की समस्याओं को अधिकारी नजर अंदाज कर दे रहे हैं, यह ठीक नहीं है। हम पंचायत चुनाव सकुशल संपन्न कराना चाहते हैं लेकिन उससे पहले जिला प्रशासन सुरक्षा की जिम्मेदारी ले। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद समेत विभिन्न संगठनों ने वर्चुअल बैठक अपनी समस्याओं पर चर्चा की।
कर्मचारी नेताओं ने कोविड जांच और पीपी किट के साथ मतगणना कार्मिकों की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने, कर्मचारियों, शिक्षकों एवं उनके आश्रितों के उपचार हेतु अलग से लेवल-3 का अस्पताल मुहैया कराने तथा कोविड से मृत्यु होने वाले कर्मचारी व शिक्षकों को तत्काल आर्थिक सहायता देने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि निर्वाचन कार्य में लगे ज्यादातर कर्मचारियों में कोविड के लक्षण है। परिवार के सदस्य भी संक्रमित है, वे चिकित्सकों को दिखाकर उपचार कर रहे हैं। होम आइसोलेशन में, फिर भी उनकी ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगा दी गई है। दो मई काे पंचायत चुनाव के मतगणना में ड्यूटी लगने से कर्मचारी भयभीत है। वर्चुअल बैठक में शामिल संगठन के पदाधिकारियों ने निर्णय लेते हुए मंडलायुक्त और जिलाधिकारी से कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से लेने को कहा। उन्हें तीन सूत्री मांग पत्र भेजा। वर्चुअल बैठक में शशिकान्त श्रीवास्तव, दिवाकर द्विवेदी, संतोष कुमार सिंह, शशांक शेखर पांडेय, पद्भनाथ त्रिवेदी, अजय सिंह, रामचन्द्र गुप्ता, श्याम राज यादव, दिपेंद्र कुमार श्रीवास्तव, मनोज कुमार, विवेक सिंह आदि मौजूद थे।