वाराणसी में तबादले के बाद भी मलाईदार पदों पर डटे है कर्मचारी, डीएम के आदेश की कलेक्ट्रेट में अनदेखी
इन लोगों का आरोप है कि लंबे समय से एक ही पटल पर कार्य करने की वजह से सभी की अधिकारी से अच्छे संबन्ध बन जाते हैं। अधिकारी कभी किसी को रोकना नहीं चाहते लेकिन लोग सिफारिश करके पटल नहीं छोड़ना चाहते।
वाराणसी, जेएनएन। जिलाधिकारी ने पिछले दिनों कलेक्ट्रेट में एक दर्जन से अधिक कर्मचारियो को पटल बदला था। लेकिन आदेश का अनुलालन नहीं हुआ। बहुतायत पूर्व की तरह ही अपने पटल पर डटे हुए हैं। पूछने पर कहते हैं कि साहब मुक्त करें तब तो जाएं.. बहरहाल इससे अन्य कर्मचारियो में असंतोष है। इन लोगों का आरोप है कि लंबे समय से एक ही पटल पर कार्य करने की वजह से सभी की अधिकारी से अच्छे संबन्ध बन जाते हैं। अधिकारी कभी किसी को रोकना नहीं चाहते लेकिन लोग सिफारिश करके पटल नहीं छोड़ना चाहते। अधिकारी भी यह जानते हैं कि नया कर्मचारी आएगा तो सिस्टल यानी कार्य समझने में कम से कम तीन महीने लगेंगे। इसलिये वह मुक्त नहीं करते हैं। कर्मचारियो में इस बात का रोष है कि ऐसे तो किसी की तरक्की नहीं होगी। कुछ मठाधीश बनकर मलाई जीवन भर काटते रह जाएंगे। शेष को न आगे बढ़ने का मौका मिलेगा न ही नया कार्य सीखने का अवसर ही मिलेगा।
हालांकि कर्मचारी संगठन भी फिलहाल मौन है। चर्चा है कि पंचायत चुनाव् बाद इस संबन्ध में जिलाधिकारी से मिलेंगे और अपनी बात रखेंगे। कर्मचारी संगठन इसलिए नही खुलकर सामने नहीं आता क्योंकि सभी का जुड़ाव एक दूसरे से होता है। बहरहाल, डीएम का आदेश कलेक्ट्रेट में ही हवा हवाई हो चुका है।
डीएम का यह था आदेश
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने फरवरी के अंतिम सप्ताह में नजूल लिपिक अशोक कुमार को एसडीएम सदर का पेशकार पटल देखने का निर्देश जारी किया था। इसी क्रम में वरिष्ठ सहायक सदर बच्चालाल को तहसीलदार सदर कार्यालय में नायब नाजिर के पद पर, कनिष्ठ सहायक राजातालाब सत्येंद्र नाथ तिवारी को तहसील सदर में बच्चालाल के पद पर तैनात किया था। लंबे समय से साहूकारी पटल पर तैनात संजय रजक को डिप्टी कलेक्ट्रेट रॉजस्व का पेशकार व डिप्टी कलेक्टर राजस्व के पेशकर सदानन्द यादव को साहूकारी, स्वतन्त्रता सेनानी आदि पटल के कार्य देखने का निर्देश था। इसी प्रकार एडीएम सिटी के यहां तैनात कनिष्ठ सहायक प्रमोद कुमार को पिंडरा तहसील में कार्य संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके अलावा अन्य कर्मचारियो का भी पटल बदलाव हुआ था । इसमे से कुछ ही नए पटल का कार्य संभाल रहे, वरना अधिकतर पुराने पटल पर डटे हुए हैं।