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इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ परचेज खत्म करेगा बिचौलियों की भूमिका ताकि किसानों को ही मिले एमएसपी

एमएसपी अर्थात न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ वास्तविक किसान को ही मिले सरकार ने इसे सुनिश्चित करने का उपाय कर दिया है। अब किसानों के उत्पाद की खरीद ई-पॉप (इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ परचेज) मशीनों से की जाएगी। यह व्यवस्था इसी सत्र अर्थात 1 अप्रैल से लागू हो जाएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 11:40 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 11:40 AM (IST)
इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ परचेज खत्म करेगा बिचौलियों की भूमिका ताकि किसानों को ही मिले एमएसपी
एमएसपी का लाभ वास्तविक किसान को ही मिले, सरकार ने इसे सुनिश्चित करने का उपाय कर दिया है।

वाराणसी [शैलेश अस्थाना]। एमएसपी अर्थात न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ वास्तविक किसान को ही मिले, सरकार ने इसे सुनिश्चित करने का उपाय कर दिया है। अब किसानों के उत्पाद की खरीद ई-पॉप (इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ परचेज) मशीनों से की जाएगी। यानि राशन की दुकानों की तरह ही ई-पॉप मशीन पर भी अंगूठा लगाकर ही किसान क्रय केंद्रों पर अपना गेहूं व अन्य उत्पाद बेच सकेंगे। यह व्यवस्था इसी सत्र अर्थात 1 अप्रैल से लागू हो जाएगी। इस नई व्यवस्था से कृषि उत्पादों की खरीद में बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाएगी।

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किसानों को उनके उत्पाद पर भरपूर लाभ देने और उनकी आय बढ़ाने के लिए चल रहे सुधारों के बीच सरकार ने अब गेहूं खरीद में भी बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया है, ताकि तंत्र के बीच से बिचौलियों की भूमिका को खत्म किया जा सके। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि जिस किसान ने पंजीकरण कराया है, वही गेहूं बेच सकेगा।

व्यावहारिक समस्याओं पर भी है ध्यान, होगा निदान : बायोमेट्रिक प्रणाली में ई-पॉप मशीन से गेहूं की खरीद में संभावित व्यावहारिक समस्याओं को भी दूर करने के उपाय किए जा रहे हैं। बुजुर्ग किसानों की अंगुलियों के निशान के मिलान में परेशानी आने की स्थिति में पंजीकरण के समय उनके परिवार के किसी एक अन्य सदस्य का भी फिंगर प्रिंट लेकर उसका आधार कार्ड संबद्ध किया जाएगा।

इस बार एमएसपी 106 फीसद अधिक : इस बार केंद्र सरकार ने गेहूं उत्पादन की अनुमानित लागत से किसानों को 106 फीसद अधिक मुनाफा दिलाना तय किया है। इसीलिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। अभी खुले बाजार में गेहूं की कीमत 1500 रुपये से 1700 रुपये प्रति क्विंटल है। नई फसल आने के बाद बाजार में इसकी कीमतों में गिरावट आएगी। ऐसे में किसान अधिक कीमत मिलने से क्रय केंद्रों का रुख करेंगे और सरकारी खरीद बंपर हो सकेगी।

गेहूं खरीद इस बार ई-पॉप मशीनों से होगी

गेहूं खरीद इस बार ई-पॉप मशीनों से होगी। पंजीकरण के समय किसान अपने साथ एक स्वजन को भी आधार कार्ड के साथ लेकर जाएं। दोनों लोगों के नाम लिखे और फिंगर प्रिंट लिए जाएंगे। साथ में खतौनी और बैंक पासबुक भी होना चाहिए। किसान किसी भी जनसेवा केंद्र से संबंधित पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

 -अरुण कुमार त्रिपाठी, जिला विपणन अधिकारी, वाराणसी।


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