वाराणसी में बारिश से बिजली व्यवस्था हो गई ध्वस्त, कई फीडर ट्रिप होने से तीन घंटे अंधेरे में रहा शहर
तेज बारिश और हवा के कारण देर शाम तीन फीडर बंद होने से दो घंटे तक दो दर्जन से अधिक इलाकों में तीन घंटे से अधिक समय तक विद्युत आपूर्ति बाधित रही। शाम सात बजे जैसे ही बूंदाबांदी शुरू हुई सबसे पहले पांडेयपुर फीडर से विद्युत आपर्ति ठप हुई।
वाराणसी, जेएनएन। तेज बारिश और हवा के कारण देर शाम तीन फीडर बंद होने से दो घंटे तक दो दर्जन से अधिक इलाकों में तीन घंटे से अधिक समय तक विद्युत आपूर्ति बाधित रही। शाम सात बजे जैसे ही बूंदाबांदी शुरू हुई सबसे पहले पांडेयपुर फीडर से विद्युत आपर्ति ठप हुई। बारिश तेज होते ही तरना, हरहुआ, सातोमहुआ और बड़ालालपुर फीडर ठप हो गया। सभी फीडरों के बिजली तारों पर पेड़ की डालियां गिरी थीं। इससे फीडर ट्रिप हो जा रहा था।
चार फीडर बंद होने से पांडेयपुर, पहड़िया, आशापुर, सारनाथ, शिवपुर, नारायणपुर, कादीपुरा, गणेशपुरा, लमही, सोएपुर, गोइठहां, गायत्री नगर, पार्वती नगर, अर्दली बाजार, भोजूबीर, कचहरी, गिलट बाजार, चौकाघाट, हुकुलगंज, रामकटोरा, नाटीइमली, पिपलानी कटरा, मैदागिन, लहुराबीर, सिगरा, महमूरगंज सहित के कई इलाकों में अंधेरा छाया रहा। रात में आपूर्ति बहाल करने के लिए संविदा लाइनमैनों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। मलदहिया और कैंट क्षेत्र में भी डेढ़ घंटे के लिए आपूर्ति बाधित रही। ग्रामीण क्षेत्रों में भी घंटों बिजली गुल रही। देर रात तक कुछ क्षेत्रों को छोड़कर लगभग सभी जगह आपूर्ति बहाल हो गई थी। उधर, करौंदी उपकेंद्र में लगे पैनल में ब्लास्ट हो गया। इससे 33 केवीए की लाइन बाधित हो गयी। ब्लास्ट होते ही इस उपकेंद्र से जुड़े कई क्षेत्रों के ट्रांसफार्मर के जंफर उड़ गए। बारिश बंद होते ही संविदाकर्मियों ने सबसे पहले ट्रांसफार्मरों के जंफर जोड़कर विद्युत आपूर्ति बहाल किया। वहीं देर रात तक पैनल में हुए ब्लास्ट की तकनीकी खराबी को दूर करने में इंजीनियरों की टीम जुटी रही।
कई घण्टे ठप रहा ब्राडबैंड
बारिश के कारण बुधवार को सरकारी और निजी कंपनियों के नेटवर्क ध्वस्त हो गए। इस कारण उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। लोगों को बात करने के लिए कई-कई बार फोन करना पड़ा। ध्वस्त नेटवर्क के कारण न तो बात हो पा रही थी और न हीं आवाज साफ आ रही थी। कुछ ऐसा ही हाल ब्रॉडबैंड का भी रहा। लूज सिग्नल के कारण लोगों के मोबाइल नेटवर्क और ब्रॉडबैंड भी काम नहीं कर रहे थे।