बिजली कर्मियों की हड़ताल : धरी रह गईं प्रशासनिक तैयारियां, वाराणसी में 40 फीसद हिस्सा अंधेरे में
निजीकरण के खिलाफ विद्युतकर्मियों के कार्य बहिष्कार के पहले दिन सोमवार को ही प्रशासन की तैयारियां धरी रह गईं। कंट्रोल रूम फेल तो विद्युत आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए लगाई गई भारी भरकम टीम फाल्ट दुरूस्त करना तो दूर बहुतायत क्षेत्रों में इसे ढूंढ़ पाने में ही असफल रही।
वाराणसी, जेएनएन। निजीकरण के खिलाफ विद्युतकर्मियों के कार्य बहिष्कार के पहले दिन सोमवार को ही प्रशासन की तैयारियां धरी रह गईं। कंट्रोल रूम फेल तो विद्युत आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए लगाई गई भारी भरकम टीम फाल्ट दुरूस्त करना तो दूर बहुतायत क्षेत्रों में इसे ढूंढ़ पाने में ही असफल रही। इसका फायदा बिजली कर्मियों ने उठाया और प्रशासनिक व्यवस्था को खूब छकाया। इससे जिले के कई हिस्सों में आपूर्ति ठप रही और सिर्फ शहर के ही 40 फीसद इलाके में अंधेरा छाया रहा। लोगों को बिजली-पानी के लिए परेशान होना पड़ा। पब्लिक रोड पर उतर आई। मोहल्ले व गलियों में लोग टहलते रहे। कभी बिजली विभाग तो कभी प्रशासन व सरकार को कोसते रहे। चौक से लेकर महाश्मशान तक जाने वाले मार्ग तक अंधेरे में रहा।
निजीकरण के विरोध में चल रहे विद्युत कर्मियों के आंदोलन का सबसे अधिक खामियाजा शंकुलधारा उपकेंद्र से जुड़े उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ा। उक्त केंद्र पर ड्यूटी पर तैनात तीन विद्युत कर्मियों ने दोपहर 12 बजे के आसपास आपूर्ति यह कहते हुए बन्द कर दी कि ट्रांसफार्मर में खराबी आ गई है। ऐसा कहते हुए वे तैनात पुलिसकर्मियों के सामने से ही बाहर निकल गए। उपकेंद्र से विद्युत आपूर्ति बाधित होने के बाद इससे जुड़े खोजवां, शंकुलधारा, बजरडीहा, सुदामापुर, गैबी मंडुआडीह समेत शहर का पूरा पश्चिमी क्षेत्र के उपभोक्ता प्रभावित हुए। शाम होते ही तहलका मच गया लोग उपकेंद्र पर जुटने लगे। प्रभावित क्षेत्रों में लोग बिजली -पानी के लिए तरस गए और बिजली उपकेंद्र पर जम गए। देर शाम तक प्रशासन की तरफ से आपूर्ति बहाल करने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा सकी थी। अराजकता पर उतरे कर्मचारियों ने उपकेंद्र की दीवार दर्ज जरूरी फोन नंबर ही मिटा दिया। इसके कारण लोगों का गुस्सा और बढ़ गया था।
लेढ़ूपुर उपकेंद्र में खराबी से कई क्षेत्रों में पांच घंटे बिजली गुल
सारनाथ के 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र लेढ़ूपुर से 33 हजार का मेन लाइन ट्रिप हो गई। इसकी वजह से कई क्षेत्रों में बिजली गुल हो गई। बिजली विभाग द्वारा कार्य बहिष्कार की वजह से टेक्निकल टीम न होने की वजह से रिपेयङ्क्षरग नहीं हो पा रहा है। सुरक्षा के ²ष्टिगत पुलिसकर्मी तैनात हो गए हैं।
एसएसओ धर्मपाल ङ्क्षसह ने बताया गया कि की अपराह्न 2.25 बजे इनकमिंग द्वितीय या कैपेसिटर बैंक के पीछे तेज आवाज के साथ सारनाथ आकाशवाणी इनकमिंग फस्ट 33 केवी मेन लइन ट्रिप हो गई। इसकी वजह से पंचकोशी, पहडिय़ा, आशापुर, शक्तिपीठ, फरीदपुर, रसूलगढ़, सलारपुर, रुस्तमपुर, सारनाथ, सिंहपुर, गोला, परशुरामपुर, बेनीपुर, तिब्बती संस्थान, मवइया, पुराना आरटीओ, अमनपुरी, अवधपुरी, आनंदपुरी, गणपति नगर आदि क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। इस दौरान बिजली उपकेंद्र की सुरक्षा के दृष्टिगत चौकी प्रभारी आशापुर राजीव कुमार सिंह, उपनिरीक्षक धर्मराज शर्मा व कांस्टेबल आलोक सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। कर्मचारियों ने खराबी ठीक कर शाम 7.25 बजे विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी।
एसएसओ ने बंद कर दिया फीडर
सेवापुरी : प्रशासन का आदेश सेवापुरी विद्युत उपकेंद्र पर बेअसर दिखाई दे दिया। एसएसओ प्रमोद मौर्याने सभी फीडरों का विद्युत आपूर्तिबंद कर दिया है, जबकि विद्युत उप केन्द्र पर एक दरोगा और तीन सिपाही लगे हुए हैं। यहां पहुंचे लेखपाल कमलेश सोनकर कुछ समय बाद ही वापस चले गए। हालांकि बरकी, बरनी, दीनदासपुर, लहिया, विद्युत उपकेंद्र से बिजली की आपूर्ति जारी रही।
उपकेंद्र का ताला बंद कर भागे कर्मचारी
बड़ागांव : विद्युत उपकेंद्र सातों महुआ हरहुआ और कुड़ी क्षेत्र में आने वाले सभी गांव और बाजारों में बिजली आपूर्ति बाधित रही। कर्मचारियों ने रविवार की मध्य रात्रि के बाद से ही मनमानी शुरू कर दी थी। दोपहर लगभग 12 बजे बड़ागांव पुलिस मौके पर पहुंची। यहां पर कर्मचारी ताला बंदकर फरार हो गए थे। एडीएम प्रशासन और ग्रामीण पुलिस अधीक्षक एमपी ङ्क्षसह ने ताला खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। विद्युत कर्मचारियों ने अपना मोबाइल स्विच आफ कर रखा था।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की भी काटी बिजली
चिरईगांव : लेढूपुर विद्युत उपकेंद्र से चिरईगांव प्रथम, जाल्हुपुर उपकेंद्र से अंबा, मुस्तफाबाद, गौराकला, मोकलपुर फीडर से जुड़े अधिकांश गांवों की विद्युत आपूर्ति सोमवार सुबह से ही बंद हो गई। जो देर शाम तक बहाल नहीं हुई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिरईगांव, ब्लाक कार्यालय, पशु चिकित्सालय पर भी बिजली आपूर्ति पूरे दिन ठप रही।
उद्योगों पर भी पड़ा असर
रामनगर औद्योगिक नगर फेज-1 में छह घंटे से अधिक बिजली गायब रही। यहां के पांच फीडर किसी फाल्ट के कारण बंद थे। इसके कारण उद्योग पर भी असर पड़ा। हालांकि फेज-2 में संविदाकर्मियों ने मोर्चा संभाले रखा। यहां पर आपूर्ति निर्बाध जा रही। रामनगर स्थित अयोध्या फीडर की बिजली दोपहर से शाम तक बाधित रही। व्यवस्था को लेकर प्रशासन का दावा जमीन पर उतरता नजर नहीं आया। उपखंड पर केवल पुलिस फोर्स मौजूद रही। हालांकि जनकपुर, बसंतनगर, टेंगड़ामोड सहित अन्य फीडर की आपूर्ति चालू थे। भाजपा मंडल अध्यक्ष अजय प्रताप ङ्क्षसह बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई।
हवा में रह गए अफसरों के दावे
बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल के पहले ही दिन प्रशासनिक तैयारी धड़ाम हो गई। पुलिस समेत अन्य अधिकारियों की निगरानी में पावर हाउस होने के बाद भी बिजली कटौती में कर्मचारी सफल रहे। नतीजा, देर शाम तक बिना बिजली के लोग जैसे -तैसे गुजारे पर शाम होते ही लोगों की बेचैनी बढ़ती गई। फिर क्या, प्रशासन की ओर से मुहैया कराए गए फोन नंबरों पर लगातार लोग मोबाइल व बेसिक फोन से नंबर मिलाने लगे। प्रशासन की ओर से दावा किया गया था कि दो हजार से अधिक बिजली विभाग के सेवानविृत्त कर्मचारियों के अलावा लोक निर्माण विभाग, आरइएस समेत अन्य विभागों के दक्ष इंजीनियरों की टीम, आइटीआइ आदि के प्रशिक्षुओं के साथ ही बिजली विभाग में मानदेय पर कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों की पलटन संग पूरी व्यवस्था संभाल लिया जाएगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
निजीकरण के खिलाफ विद्युतकर्मियों का कार्य बहिष्कार
- पहले ही दिन लगाई गई दक्ष इंजीनियरों की टीम नहीं ढूंढ पाई गड़बडिय़ां
- दोपहर से शुरू सिलसिला रात तक रहा जारी, लोग बिजली और पानी के लिए तरसे
- शंकुलधारा उपकेंद्र पर कर्मचारियों ने नाटकीय ढंग से आपूर्ति बंद कर दी
- कर्मचारियों ने उपकेंद्र की दीवार दर्ज जरूरी फोन नंबर ही मिटा दिया
- सड़क पर उतरे प्रशासन की नाकामी पर लोगों में गुस्सा