बार लाइसेंस के लिए आबकारी के पास करनी पड़ेगी जेब ढीली, आठ लाख 60 हजार रुपये सरकारी फीस
जनपद में एसएसपी प्रभाकर चौधरी के आने के बाद पुलिस विभाग में वसूली बंद हो गई है लेकिन आबकारी विभाग में अब भी खुली छूट है।
वाराणसी, जेएनएन। जनपद में एसएसपी प्रभाकर चौधरी के आने के बाद पुलिस विभाग में वसूली बंद हो गई है, लेकिन आबकारी विभाग में अब भी खुली छूट है। देर रात तक शराब की दुकान खुलने व मिलावटी शराब बिक्री में विभागीय मिलीभगत छिपी नहीं है। वहीं, बार का लाइसेंस लेने के लिए भी आबकारी विभाग में जेब ढीली करनी पड़ रही है।
इसके लिए सरकारी फीस के अलावा नियमों की सख्ती का हवाला देते हुए लाखों रुपये अतिरिक्त वसूली की जा रही है। यही नहीं, शहर में सिर्फ 47 लाइसेंसी बार हैं, लेकिन विभाग की मिलीभगत से शहर और ग्रामीण क्षेत्र के कई होटल व ढाबों पर शराब परोसी जा रही है। शिकायत करने पर छापेमारी से पहले सूचना मिल जाती है। नतीजा, अधिकारी को कोई कमी पकड़ में नहीं आती। शहर के कई रेस्टोरेंट तो ऐसे हैं जो पार्टी के नाम पर एक दिन का अनुमति लेकर कई दिनों तक संचालित करते है। इस बाबत जिला आबकारी अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।
एक दिन परमिशन के नियम
किसी कार्यक्रम में शराब परोसने के लिए एक दिन का परमिशन कराना हो तो उसके लिए 10 हजार फीस जमा करना होता है। इसके बाद विभाग में चक्कर तो लगाना ही पड़ेगा। साथ ही उसके लिए विभाग में जेब ढीली करनी पड़ेगी। रेस्टोरेंट में पार्टी के लिए परमिशन के नियम है कि जिस व्यक्ति की पार्टी है उसी के नाम पर परमिशन लिया जाता है।
- ऐसी शिकायत अब तक नहीं आई है कि बार लाइसेंस को लेकर कोई अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है। यदि किसी को कोई शिकायत हो तो वे कार्य दिवस पर शिकायत कर सकता है। शिकायत पर जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई तय हैं। वाट्सएप नंबर पर भी जानकारी दी जा सकती है। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। - कौशलराज शर्मा, जिलाधिकारी