दक्षिण भारत के बादलों की सक्रियता का असर पूर्वांचल तक, तापमान में उतार चढ़ाव भी संभव
दिन चढ़ा तो सूरज की रोशनी में बचा कोहरा और धुंधलका भी घुल गया। हालांकि सुबह सात बजे तक अंचलों और कस्बों में कोहरे और कुहासे का दौर बना रहा। दिन चढ़ा तो वातावरण से ठंडी हवाएं नदारद हो गईं और वातावरण में राहत का असर नजर आने लगा।
वाराणसी, इंटरनेट डेस्क। पूर्वांचल में मौसम का रुख बदला हुआ है और बादलों की भी आहट बनने लगी है। तापमान में मामूली इजाफा इसी का संकेत माना जा रहा है। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में मौसम का रुख बदला तो तापमान में उतार चढ़ाव का दौर होना तय है। वातावरण में बढ़ रही ठंड पर कुछ दिनों तक लगाम भी ऐसे में लग सकती है। मगर, इसके बाद लगातार हो रहे बदलाव के बीच पहाड़ों की बर्फबारी का असर पूर्वांचल में होना तय है। इससे मैदानी इलाकों में कोहरा और गलन का दौर आ सकता है। यूरोप से आने वाली ठंडी हवाएं अभी पाकिस्तान और कुछ हद तक पश्चिमी भारत तक ही सीमित हैं। जल्द ही इसका असर पूर्वांचल तक भी आएगा।
शनिवार की सुबह आसमान साफ रहा और दिन चढ़ा तो सूरज की रोशनी में बचा कोहरा और धुंधलका भी घुल गया। हालांकि, सुबह सात बजे तक अंचलों और कस्बों में कोहरे और कुहासे का दौर बना रहा। दिन चढ़ा तो वातावरण से ठंडी हवाएं नदारद हो गईं और वातावरण में राहत का असर नजर आने लगा। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में मौसम का रुख कोहरे और ठंड की ओर ही होने जा रहा है। इसकी वजह से गलन भी माह भर में दस्तक दे देगी।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री कम रहा। आर्द्रता अधिकतम 62 और न्यूनतम 56 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों में दक्षिण भारत की ओर से आने वाले बादलों ने उत्तर पूर्व की ओर रुख किया है, ऐसे में बादलों की सक्रियता सोनभद्र तक इस समय बनी हुई है। रुख बदला तो इसका असर पूर्वांचल तक अगले चौबीस घंटों तक आने की उम्मीद है।