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स्वच्छता व सुरक्षा के प्रोटोकाल के संग होगी पढ़ाई, कोरोना के चलते सात माह बाद 19 अक्टूबर से खुलेंगे विद्यालय

विद्यालयों में स्वच्छता व सुरक्षा के प्रोटोकाल के साथ 19 अक्टूबर से पढ़ाई होगी। फिलहाल कक्षा नौ से 12 तक के विद्यालयों को दो पालियों में खोलने की अनुमति मिली है। शासन की हरी झंडी मिलने के बाद विद्यालय प्रबंधन अभिभावकों से सहमति पत्र लेने में जुट गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 08:51 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 08:51 PM (IST)
स्वच्छता व सुरक्षा के प्रोटोकाल के संग होगी पढ़ाई, कोरोना के चलते सात माह बाद 19 अक्टूबर से खुलेंगे विद्यालय
विद्यालयों में स्वच्छता व सुरक्षा के प्रोटोकाल के साथ 19 अक्टूबर से पढ़ाई होगी।

वाराणसी, जेएनएन। विद्यालयों में स्वच्छता व सुरक्षा के प्रोटोकाल के साथ 19 अक्टूबर से पढ़ाई होगी। फिलहाल कक्षा नौ से 12 तक के विद्यालयों को दो पालियों में खोलने की अनुमति मिली है। शासन की हरी झंडी मिलने के बाद विद्यालय प्रबंधन अभिभावकों से सहमति पत्र लेने में जुट गया है, ताकि पठन-पाठन को गति दी जा सके। वहीं जो बच्चे स्कूली वाहन से आने-जाने के इच्छुक हैं, उन बच्चों के अभिभावकों से परिवहन सुविधा के लिए भी सहमति पत्र मांगा जा रहा है। अभिभावकों की सहमति पर ही बच्चों को स्कूल वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

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अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की ओर से जारी गाइडलाइन में प्रथम पाली में कक्षा नौ व दस तथा द्वितीय पाली में कक्षा 11 से 12 तक के बच्चों को स्कूल बुलाकर पढ़ाने की अनुमति दी गई है। प्रत्येक कक्षा में अधिकतम 50 फीसद विद्यार्थी ही स्कूल बुलाए जाएंगे। 50 फीसद विद्यार्थी अगले दिन स्कूल आएंगे। ऐसे में पहले की भांति आनलाइन क्लास भी जारी रहेगी। बहरहाल गाइड लाइन जारी होते ही स्कूल खोलने को लेकर ऊहापोह की स्थिति अब खत्म हो गई है। कोरोना संक्रमण के चलते सभी स्कूल-कालेज 18 मार्च से ही बंद चल रहे थे। इसे देखते हुए स्कूलों ने आनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी थी। ऐसे में करीब सात माह बाद 19 अक्टूबर से विद्यालय खुलने जा रहे हैं। कोविड-19 के पूरे प्रोटोकाल के साथ पढ़ाई शुरू कराने के लिए स्कूल प्रबंधन ने मंथन शुरू कर दिया है। रविवार को अवकाश होने के बावजूद कई विद्यालयों में इसकी रूपरेखा तय करने के लिए अध्यापकों को बुलाया गया था। दूसरी ओर मोबाइल फोन के माध्यम से अभिभावकों से भी संपर्क किया जा रहा है। उन्हें बुलाकर विद्यालयों में स्वच्छता व सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाएं भी दिखाई जा रही हैं ताकि वे बच्चों को स्कूल भेजने से पहले स्वयं संतुष्ट हो सकें। कान्वेंट स्कूलों के 60 फीसद से अधिक अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार है। हालांकि यूपी बोर्ड से संचालित विद्यालयों में 40 फीसद अभिभावक ही अभी स्कूल भेजने के इच्छुक हैं। संभावना जताई जा रही है कि पढ़ाई शुरू होते ही बच्चों को स्कूल भेजने वाले अभिभावकों की संख्या और बढ़ेगी।

वन चाइल्ड वन बेंच पर विचार

पठन-पाठन शुरू करने से पहले विद्यालयों को सैनिटाइज कराने की तैयारी चल रही है। स्कूल बस, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, पानी की टंकियां, रसोईघर, कैंटीन, शौचालय, प्रयोगशाला, पुस्तकालय भी प्रतिदिन सैनिटाइज कराए जाएंगे। शिक्षक, विद्यार्थी व कर्मचारी सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। शारीरिक दूरी के अनुसार बच्चों को छह फीट की दूरी पर बैठाने का इंतजाम किया जा रहा है। सीटिंग प्लान के तहत कई विद्यालय वन चाइल्ड वन बेंच के सिद्धांत पर बच्चों को बैठाने के लिए विचार कर रहे हैं।

गठित होगा निरीक्षक दल

शासन की गाइड लाइन में विभिन्न निरीक्षक दल का गठन करने का निर्देश है। इसमें मुख्य रूप से आपात देखभाल, प्रति क्रिया, सामान्य दल, वस्तु सहायता दल, स्वच्छता निरीक्षण दल शामिल हैं। ताकि बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित निगरानी की जा सके।

मध्याह्न भोजन की अनुमति नहीं

विद्यालय स्तर पर बच्चों को मध्याह्न भोजन परोसने की अनुमति नहीं होगी। बच्चों को घर से पका-पकाया भोजन या पौष्टिक भोजन लाना होगा। उन्हें दूसरे के साथ भोजन साझा करने की अनुमति नहीं होगी। बाहरी विक्रेता को स्कूल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।

स्कूल वाहन

स्कूल परिवहन में कम से कम दो बार बच्चों को चढऩे व उतरने से पहले सैनिटाइज करने का निर्देश भी है। संभव हो तो थर्मल स्कैनिंग भी कराई जाए।

स्कूलों के लिए : स्वास्थ्य स्वच्छता कार्यों को बढ़ावा देना, थर्मामीटर, कीटाणुनाशक, साबुन, हैंड, सैनिटाइजर, मास्क की व्यवस्था, स्वास्थ्य और स्वच्छता का पाठ प्रतिदिन शिक्षक, कर्मचारी व छात्रों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करना, पूर्ण कालिक नर्स, या डाक्टर व काउंसलर की उपलब्धता सुनिश्चित करना।

अभिभावकों के लिए

-भावनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करना

-जानकारी प्राप्त करने के लिए स्कूलों से समन्वयक स्थापित करना

-स्कूल के सुरक्षा प्रयासों को मजबूत करने में सहयोग देना

अन्य महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश

- यथासंभव विद्यालयों को प्रवेश व निकास अलग-अलग द्वार से कराने का निर्देश। 

-यदि कक्षा का आकार छोटा हो तो कंप्यूटर कक्ष, पुस्तकालय व प्रयोगशाला में भी कक्षाएं संचालित करने की छूट।

-विद्यालयों में शारीरिक दूरी सहित अन्य मानकों का पोस्टर, अभिभावकों को भी नोटिस पत्र संदेश, संकेत प्रदर्शित करना।

-योजनाबद्ध तरीके से लचीली समय सारिणी, सप्ताह में दो दिन घर से असाइनमेंट ताकि बच्चों को हर दिन स्कूल आने की आवश्यकता न पड़े।

-छात्रों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए स्कूल में या संपर्क में पूर्णकालिक प्रशिक्षित डाक्टर, नर्स व काउंसलर की अनिवार्यता ताकि छात्रों व शिक्षकों का नियमित हो सके स्वास्थ्य परीक्षण।

-बच्चों को उपस्थिति के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। बीमार होने पर छात्रों व कर्मचारियों को घर पर रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

-खेल-कूद व संगीत नृत्य सहित अन्य के प्रदर्शन में शारीरिक दूरी के मानक का करना होगा पालन।

-अभिभावकों का भी मार्गदर्शन, वर्चुअल अभिभावक व शिक्षक मीटिंग।

-भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए वार्तालाप से कार्यकलाप की शुरूआत, अलग-अलग इंडोर गेम, छात्रों को सुरक्षित महसूस करना, सहयोगात्क कार्यों में व्यस्त रखना।

-परिवर्तन को स्वीकार करना, मननशील गतिविधियों का आयोजन, कहानियां, तीन मिनट मौन।


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