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नए साल में चमचमाती सड़कों पर सुगम यातायात

जागरण संवाददाता, वाराणसी : यदि सब कुछ निर्धारित योजना के तहत हुआ तो नए साल में लोग शह

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Nov 2017 08:45 PM (IST)Updated: Sat, 25 Nov 2017 08:45 PM (IST)
नए साल में चमचमाती सड़कों पर सुगम यातायात
नए साल में चमचमाती सड़कों पर सुगम यातायात

जागरण संवाददाता, वाराणसी : यदि सब कुछ निर्धारित योजना के तहत हुआ तो नए साल में लोग शहर में गड्ढामुक्त सड़कों पर चलेंगे। इसके बाद उम्मीद है कि जाम से रेंगते वाहनों को गति मिलेगी। इसके लिए सरकार व प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। अफसरों का कहना है कि चुनाव बाद युद्धस्तर पर विकास योजनाओं को पूरा कर शहर की बदहाली दूर की जाएगी।

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मसलन, यातायात विभाग ने साल के अंतिम महीने से ही सुरक्षित यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी हैं। योजना के तहत सर्वाधिक जोर जाम से निजात दिलाने की है। कारण कि विभाग के लिए सर्वाधिक विकट समस्या जाम की ही है। ऐसे में प्रभावी योजना के तहत शहर के सभी कट्स दिसंबर अंत तक बंद कर दिए जाएंगे। ऐसे में लोगों को अब चौराहों या तिराहों से ही दूसरे लेन में घुसने की इजाजत होगी। हालांकि कुछ जगहों पर राहगीरों एवं दोपहिया वाहनों के लिए कट्स खुले रहेंगे। वहीं भारी भीड़भाड़ वाले क्षेत्र विश्वेश्वरगंज, चौक, मैदागिन, नई सड़क, दालमंडी आदि क्षेत्रों में शाम चार से रात्रि नौ बजे के बीच लोडेड वाहनों को जाने की इजाजत नहीं रहेगी। इस योजना से जाम से काफी हद तक लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। इनके अलावा महीने भर में लगभग 300 जर्सी बैरियर भी लगाएं जाएंगे जिससे कि सुगम यातायात को और प्रभावी किया जा सके। इस सबके लिए करीब 50 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

पतली सड़कों पर रोड सेपरेटर

यातायात विभाग की योजना है कि जहां पतली सड़कें हैं वहां रोड सेपरेटर लगाए जाएंगे जिससे कि वाहनों के आवागमन में दिक्कत न हों। ज्यादा रोड सेपरेटर चौक क्षेत्र या फिर गिरजाघर से भेलूपुर के बीच में ही लगाए जाएंगे।

हाइटगेज को बनाएं विकल्प

यातायात विभाग के सर्वे में मामला सामने आया है कि शहर का सर्वाधिक जाम वाला क्षेत्र चौक ही है। कारण भी स्पष्ट है कि स्कूली वाहन दिनभर सर्वाधिक इसी रास्ते से गुजरते हैं। इससे 10 मिनट की दूरी घंटे भर में तय करनी पड़ती है। इससे निजात के लिए जल्द ही मैदागिन व गोदौलिया की ओर से हाइटगेज लगाए जाएंगे। ये हाइटगेज ऑटोमेटिक होंगे जिससे कि प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के जैमर वाले वाहनों को गुजरने के दौरान आसानी से उसे उठाया जा सके। अफसरों का कहना है कि दिसंबर के अंत तक इन्हें लगा लिया जाएगा।

संकेतक व सिग्नल होंगे दुरुस्त

चूंकि शहर में स्मार्ट सिटी के तहत यातायात प्रबंधन होना है, ऐसे में आने वाले साल में न सिर्फ संकेतक बल्कि सिग्नल भी दुरुस्त होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात विभाग का ज्यादा जोर है। वहां अंधा मोड़ पर क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त करने के लिए विभागों को पत्र लिखा जाएगा। बार-बार पत्र लिखने के बाद भी जहां समस्या का निदान नहीं हो सका है उन जगहों के लिए उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की जाएगी।

जागरूकता के लिए सतत अभियान

यातायात संबंधी जागरूकता के लिए वर्ष भर अभियान चलाने की योजना है। इसके तहत स्कूल-कॉलेज व सड़कों पर न सिर्फ विभाग के अधिकारी बल्कि बच्चे भी लोगों को यातायात का पाठ पढ़ाएंगे। केवल चालान व वाहन सीज की ही कार्रवाई नहीं होगी। लोगों को प्रोजेक्टर के जरिए यातायात संबंधी जानकारियां देने की योजना है।

ये होंगी सुविधाएं

-शहर के कट्स बंद होंगे।

-हाइटगेज लगाए जाएंगे।

-रोड सेपरेटर लगेंगे।

-खराब सिग्नल चालू होंगे।

-बड़े चौराहे तोड़े जाएंगे।

-सड़कों की लाइटें दुरुस्त होंगी।

-जगह-जगह जर्सी बैरियर लगेंगे।

-सड़कें चौड़ी की जाएंगी।

-वर्ष भर यातायात जागरूकता कार्यक्रम।

-निजी कंपनियों से भी मदद।

-स्मार्ट सिटी योजना को प्रभावी किया जाएगा।

''पूरी उम्मीद है कि नए साल में यातायात व्यवस्था पूर्णरूपेण पटरी पर आ जाएगी। कारण कि शहर के सभी कट्स बंद कर जर्सी बैरियर लगा दिए जाएंगे। इसके अलावा चौक व मैदागिन क्षेत्र में हाइटगेज लगाने के साथ ही शाम चार से रात्रि नौ बजे तक ओवरलोडेड वाहनों को शहर में प्रतिबंधित किए जाने से लोगों को काफी हद तक राहत मिल जाएगी।''

-सुरेश चंद रावत, एसपी यातायात, वाराणसी।


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