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पहले आते थे 90 और अब 25 ही घायल, पूर्वांचल-बिहार के घायलों का जख्म भर रहा बीएचयू का ट्रामा सेंटर

कोरोना से बचाव के लिए मार्च से जून तक लगे लॉकडाउन के दौरान भी बीएचयू का ट्रामा सेंटर निरंतर चलता रहा। वह भी पूरी सुविधाओं के साथ।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 07:33 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 01:37 AM (IST)
पहले आते थे 90 और अब 25 ही घायल, पूर्वांचल-बिहार के घायलों का जख्म भर रहा बीएचयू का ट्रामा सेंटर
पहले आते थे 90 और अब 25 ही घायल, पूर्वांचल-बिहार के घायलों का जख्म भर रहा बीएचयू का ट्रामा सेंटर

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना से बचाव के लिए मार्च से जून तक लगे लॉकडाउन के दौरान भी बीएचयू का ट्रामा सेंटर निरंतर चलता रहा। वह भी पूरी सुविधाओं के साथ। इस दौरान पूर्वांचल व बिहार से आने वाले सड़क हादसे, मारपीट या किसी भी प्रकार से घायल मरीजों का जख्म भरते रहा। हालांकि कोरोना काल में मरीजों की संख्या कम जरुर हुई है। पहले जहां इमरजेंसी वार्ड में रोज 90 से 100 मरीज आते थे, वहीं अब 25-30 ही आ रहे हैं। इसका कारण यह भी हो सकता है कि दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और यहां पर अन्य ओपीडी या इलेक्टिव ओटी नहीं चल रही है।

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होल्डिंग एरिया में रखकर होती है कोरोना की जांच

ट्रामा सेंटर में ही अन्य तीन विभागों आर्थो, प्लास्टिक सर्जरी एवं न्यूरो सर्जरी का भी उपचार एवं आपरेशन होता है। इसमें से न्यूरो सर्जरी की ओपीडी सर सुंदरलाल अस्पताल में चलती है। ट्रामा सेंटर में जो भी घायल या अन्य मरीज आते हैं सबसे पहले उन्हें होल्डिंग एरिया में रखा जाता है। ताकि जांच कर पहले पता लगाया जा सके कोरोना पॉजिटिव तो नहीं है। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही संबंधित वार्ड में शिफ्ट किया जाता है।

ट्रामा सेंटर में आने वाले हर घायलों का उपचार निरंतर जारी है

ट्रामा सेंटर में आने वाले हर घायलों का उपचार निरंतर जारी है। डाक्टरों, पैरा मेडिकल एवं अन्य स्टाफ की टीम 24 घंटे सेवा दे रही है। मरीजों के लिए एक नई डिजिटल एक्स-रे मशीन मंगाई गई है। जल्द ही यहां पर जांच की भी सुविधा शुरू होने जा रही है। इसके लिए यहां आधुनिक लैब बनकर तैयार है।

- प्रो. संजीव कुमार गुप्ता, आचार्य प्रभारी ट्रामा सेंटर, आइएमएस-बीएचयू

ट्रामा सेंटर की ओपीडी में लॉकडाउन के पहले आने वाले मरीजों की स्थिति प्रति माह

मरीज       विभाग  

9000      आर्थो         

1750      प्लास्टिक सर्जरी

450       ट्रामा सर्जरी

2000 मरीज प्रतिमाह इमरजेंसी वार्ड में

200 ऑर्थों के मरीजों का प्रतिमाह इलेक्टिव आपरेशन

80 न्यूरो सर्जरी के मरीजों का प्रतिमाह इेलेक्टिव आपरेशन

250 मरीजों का इमरजेंसी में प्रतिमाह आपरेशन

8-10 मरीजों का हाल के दिनों में इसरजेंसी आपरेशन


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