डॉक्टर रीना मौत प्रकरण : फोरेंसिक साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस ने माना आत्महत्या, कोर्ट में दी डा.आलोक के रिमांड की अर्जी
कैंट पुलिस ने साक्ष्य के आधार पर अपनी विवेचना के दौरान हत्या को आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में बदलते हुए कोर्ट में रिमांड अर्जी दी है।
वाराणसी, जेएनएन। डॉक्टर रीना सिंह की मौत के मामले में कैंट पुलिस ने साक्ष्य के आधार पर अपनी विवेचना के दौरान हत्या को आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में बदलते हुए कोर्ट में रिमांड अर्जी दी है। अब डॉक्टर रीना के पति डॉक्टर आलोक व उनके परिजनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने के तहत मुकदमा चलेगा।कैंट के भोजूबीर टैगोर टाउन निवासी डॉक्टर रीना की बीते दो जुलाई को दो मंजिला घर की छत से रहस्यमय परिस्थितियों में गिरने से मौत हो गयी थी। डॉक्टर रीना के पिता रंगनाथ सिंह ने बेटी की हत्या का आरोप लगाते हुए कैंट थाने में डॉक्टर आलोक व उनके माता-पिता के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। कई दिन तक फरार रहने के बाद 25 जुलाई को डॉक्टर आलोक सिंह को कैंट पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आलोक सिंह अभी जेल में ही हैं।
छानबीन के दौरान पुलिस को डॉक्टर रीना के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला। डॉक्टर रीना के पिता ने सुसाइड लेटर को लेकर शक जताया तो पुलिस ने उसे फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया। डॉक्टर आलोक की तरफ से केस में एक आइएएस व एक मंत्री की पैरवी का आरोप लगने पर पुलिस ने हाइ प्रोफाइल केस को सुलझाने के लिए स्टेट मेडिको लीगल सेल की मदद ली थी। स्टेट मेडिको सेल ने क्राइम सीन का रिक्रिएशन करते हुए अपनी रिपार्ट एसएसपी को दी। रिपोर्ट में भी माना गया कि डॉक्टर रीना खुद छत से कूदी थी, उन्हें फेंका नही गया था। डॉक्टर रीना के पिता ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी की हत्या कर छत से फेंक दिया गया था।
स्टेट मेडिको लीगल सेल की रिपोर्ट के बाद फोरेंसिक टीम ने भी अपनी रिपोर्ट दी कि सुसाइड नोट में हैंडराइटिंग डॉक्टर रीना की है। दो वैज्ञानिक साक्ष्य हाथ आने के बाद पुलिस की जांच में यह तो फिलहाल तय हो गया कि डॉक्टर आलोक ने हत्या नहीं की थी लेकिन आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला बन रहा। दरअसल एक जुलाई की रात को डॉक्टर रीना और आलोक सिंह में झगड़ा हुआ था। घटना के बाद जब पुलिस ने घर मे लगे सीसी कैमरे को देखा तो उसमें आलोक सिंह डॉक्टर रीना से झगड़ा करते हुए उनका गला कसते दिखे थे।