शिक्षा : डोर-टू-डोर शिक्षक करेंगे संपर्क, कांवेन्ट की तरह संवरने लगे परिषदीय विद्यालय
दिन पर दिन अंग्रेजी स्कूलों के बढ़ते चलन को देखते हुए अब परिषदीय विद्यालयों का भी आधुनिकीकरण बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू कर दिया है।
गाजीपुर, जेएनएन। दिन पर दिन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के बढ़ते चलन को देखते हुए अब परिषदीय विद्यालयों का भी आधुनिकीकरण बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू कर दिया है। जिले में फिलहाल 85 अंग्रेजी माध्यम से स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। यहां सिर्फ अंग्रेजी शिक्षकों को ही तैनात किया गया है। परिषदीय विद्यालयों में इस वर्ष 15 फीसद अधिक नामांकन करने का लक्ष्य बीएसए द्वारा रखा गया है।
इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह विद्यालय में तैनात शिक्षक घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करें और उनके बच्चों का नामांकन कराएं। परिषदीय स्कूलों की दशा सुधारने के लिए वहां विज्ञान प्रयोगशाला बनाने से लेकर बच्चों को खेलकूद का सामान भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे बच्चों को काफी लाभ मिला है। आपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों के आधारभूत ढांचे को और मजबूत किया जा रहा है।
किया जा रहा कायाकल्प
- जिले में अंग्रेजी माध्यम के 85 परिषदीय विद्यालयों का हो रहा संचालन।
- हर ब्लाक के दो-दो विद्यालयों में स्थापित की गई विज्ञान प्रयोगशालाएं।
- आपरेशन कायाकल्प के तहत विद्यालयों के आधारभूत ढांचे को किया जा रहा मजबूत।
- शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए मासिक परीक्षाओं का आयोजन कर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों व शिक्षकों को किया जा रहा पुरस्कृत।
- एक्सलेरेटेड लर्निंग कैंप चलाकर दिव्यांग बच्चों को निशुल्क शिक्षा के साथ दी जा रही हास्टल की सुविधा।
- शारदा कार्यक्रम के तहत स्कूल न जाने वाले व बीच में ही पढ़ाई छोडऩे वाले बच्चों को चिह्नित कर फिर से लाया जा रहा स्कूल।
- ग्रेडेड लर्निंग कार्यक्रम के तहत सभी परिषदीय स्कूलों के दो-दो शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के साथ बच्चों में हुए शैक्षिक संवर्धन का किया जा रहा है आनलाइन मूल्यांकन ।
- ब्लाक व जिला स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित कर मेधावी खिलाडिय़ों को प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर तक अपनी प्रतिभा दिखाने का दिया जाता है मौका।
परिषदीय विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित निजी स्कूलों की तरह सुविधा संपन्न बनाने की कोशिश की जा रही है। धीरे-धीरे विद्यालयों को जरूरी व आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। बच्चों के शैक्षिक विकास के साथ रचनात्मक कार्यों व खेलकूद में भी प्रशिक्षित कर दक्ष बनाया जा रहा है। - श्रवण कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।
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