परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के दस्तावेजों का डीसीएफ से किया जाएगा अब सत्यापन
उप्र में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के दस्तावेजों का अब डीसीएफ से किया जाएगा सत्यापन।
वाराणसी, जेएनएन। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कई स्तरों से की जा रही है। इस क्रम में शिक्षकों को संपूर्ण विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। वहीं दूसरी ओर शिक्षामित्रों व अंशकालिक अनुदेशकों के शैक्षिक अभिलेखों का ऑनलाइन सत्यापन के लिए डाटा कैप्चर फार्म (डीसीएफ) से भी करने का निर्णय लिया गया है।
इस सुविधा के मिलने से अब शिक्षकों को न तो भटकना पड़ेगा और न ही किसी प्रकार से उनका शोषण किया जा सकेगा। शिक्षक लंबे समय से इस प्रकार की प्रक्रिया को अपनाने के पक्ष में थे। ऐसे में यह प्रक्रिया अब शिक्षकों के लिए मुफीद होगी।
प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड शिक्षामित्रों व अंशकालिक अनुदेशकों का विवरण डीसीएफ पर अपलोड कराने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को सौंपी गई है। शिक्षकों की नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा को लेकर शासन की सख्ती बढ़ी है। इस क्रम में प्राथमिक से लगायत विश्वविद्यालय तक के शिक्षकों के अभिलेखों की फिर से जांच कराई जा रही है। हालांकि माध्यमिक व उच्च शिक्षा के शिक्षकों के अभिलेखों में अब तक कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं मिली है। वहीं परिषदीय विद्यालयों में फर्जी डिग्रीधारी कई शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं। जनपद में भी चार शिक्षकों पर कार्रवाई हो चुकी है। इन शिक्षकों का चयन डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बीएड की डिग्री पर हुई थी।
सत्यापन में इन शिक्षकों की डिग्री फर्जी निकली। इसी प्रकार संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारी शिक्षकों के अंकपत्रों का भी सत्यापन जारी है। ऐसे में सूबे में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों पर गाज गिरने की संभावना है। इस क्रम में राज्य परियोजना के निदेशक व स्कूली शिक्षा के महानिदेशक विजय किरन आनंद की ओर से जारी परिपत्र में शिक्षामित्रों व अंशकालिक अनुदेशकों का समस्त शैक्षिक प्रमाणपत्र स्कैन कर संबंधित संस्था या बोर्ड से सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया है।