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वाराणसी में ओवरलोडिंग से खराब हो रहे पुल को बचाने के लिए जिलाधिकारी ने दूसरे जिलों को भेजा पत्र

जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा ने ओवरलोड वाहनों के संचालन की पोल खोलकर रख दी है। इससे साफ हो गया कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से आज भी ओवरलोड वाहनों के संचालन का ही खेल चल रहा है।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 08:30 AM (IST)
वाराणसी में ओवरलोडिंग से खराब हो रहे पुल को बचाने के लिए जिलाधिकारी ने दूसरे जिलों को भेजा पत्र
जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा ने ओवरलोड वाहनों के संचालन की पोल खोलकर रख दी है।

मीरजापुर, जेएनएन। जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा ने ओवरलोड वाहनों के संचालन की पोल खोलकर रख दी है। इससे साफ हो गया कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से आज भी ओवरलोड वाहनों के संचालन का खेल चल रहा है। पूर्वांचल के आधा दर्जन जनपदों के जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में उन्होंने साफ-साफ लिखा है कि आप लोगों के जनपदों से ओवरलोड वाहनों का संचालन हो रहा है। इसके चलते वाराणसी की सड़कें नष्ट हो रही है। ऐसे में उनकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं जो ठीक नहीं है। इसमें सबसे अधिक मीरजापुर से ओवरलोड वाहन वाराणसी में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए 31 मार्च तक अभियान चलाकर इनके खिलाफ कार्रवाई करें। इससे इनके संचालन पर रोक लग सके। 

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वाराणसी के डीएम ने प्रयागराज, मीरजापुर, आजमगढ़, संतरविदास नगर भदोही को भेजे गए पत्र में कहा है कि आप लोगों के जनपद की सीमाओं से भारी मात्रा में ट्रक एवं अन्य भारी वाहन वाराणसी नगर में प्रवेश कर रहे हैं जो ओवरलोडेड होते है। जनपद में इन ओवरलोड वाहनों के चलते कई मार्गो को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। जबकि कई सड़कों पर निर्माण कार्य अभी तक चल रहा है। उनपर आवागमन बंद है। हाल ही में जनपद चंदौली में दो ऐसे पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसी दशा में सारे ट्रक वाराणसी शहर से निकाल रहे हैं। 

अभियान चलाकर करें कार्रवाई

वाराणसी डीएम ने बताया कि यहां भी केवल एक ही चौकाघाट पुल हैं जो ओवरलोडिंग की वजह से क्षतिग्रस्त है, जिससे वाहन जनपद वाराणसी से होते आजमगढ़, जौनपुर आदि जिलों को जा रहे हैं। इस पर आवागमन का लहरतारा-चौकाघाट पुल ही एक माध्यम है। यदि भारी वाहनों को जनपद की सीमा में आने से रोका नहीं जाता है तो उक्त पुल क्षतिग्रस्त हो सकता है। ऐसी दशा में सारे आवागमन का रास्ता बंद हो जाएगा। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए आठ मार्च से 31 मार्च तक ओवरलोड वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई करें। अभियान के दौरान आरटीओ, खनन व पुलिस को चेताया जाए कि अगर दोबारा ओवरलोड वाहन जनपद से गुजरते हुए देखे गए तो इनके साथ आप लोगों पर ही कार्रवाई होगी। 


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