वाराणसी में थानेवार गैंगस्टर की सूची बनाने के साथ उनकी संपत्तियों का ब्यौरा तलब
कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने थानेवार गैंगस्टर की सूची बनाने के साथ उनकी संपत्तियों का ब्यौरा तलब किया है।
वाराणसी, जेएनएन। कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद जिलाधिकारी ने थानेवार गैंगस्टर की सूची बनाने के साथ उनकी संपत्तियों का ब्यौरा तलब किया है। डीएम ने राजस्व, नगर निगम और रजिस्ट्री कार्यालय को निर्देश दिया है कि जांच में पुलिस की पूरी मदद करें। गैंगस्टर के बारे में कोई पुलिस कर्मी सूचना मांगता है तो उसे प्राथमिकता पर उपलब्ध कराएं। इसके अलावा जमीन, मकान कब्जा करने, विवादित जमीनों की पंचायत करने तथा क्षेत्र में दहशत का माहौल बनाने वालों की भी अलग से सूची बनाएं। उनके खिलाफ रिपोर्ट तैयार करके भेंजे जिससे उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की जा सके।
क्षेत्र में माहौल खराब करने वालों के खिलाफ तेजी से हो कार्रवाई
गैंगस्टर जेल के अंदर और बाहर रहने के साथ क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा करते हैं। वे जमीन का कारोबार करने के साथ मकान कब्जा करते हैं। जमीन और मकान की पंचायत करते हैं। अवैध कमाई के बल आलीशान मकान, कार और तथ्यों को छिपाकर शस्त्र लाइसेंस तक ले लेते हैं। दो-तीन साल में वे क्षेत्र में अपना साम्राज्य स्थापित कर लेते हैं। गैंग चलाने के साथ क्षेत्र का माहौल भी खराब करते हैं। डीएम ने थानेवार गैंगस्टर की सूची तैयार करने और क्षेत्र में माहौल खराब करने वालों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने को कहा है।
क्यों होती है गैंगस्टर की कार्रवाई
गैंगस्टर एक्ट में न्यूनतम दो और अधिकतम दस साल की सजा होती है। किसी व्यक्ति या बदमाश पर एक साथ दो बड़े आपराधिक मुकदमे और क्षेत्र में दहशत का माहौल हो। उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्यवाही के लिए थाना प्रभारी संस्तुति करता है। सीओ, एसपी सिटी और एसएसपी की संस्तुति पर डीएम उसका परीक्षण करने के बाद गैंगस्टर की कार्रवाई करता है। डीएम की मंजूरी के बाद गैंगस्टर की संपत्ति को जब्त किया जाता है। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने बताया कि कानपुर की घटना के बाद गैंगस्टर की सूची बनाने के साथ पुलिस को कुर्की की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। तहसील, नगर निगम और रजिस्ट्री कार्यालय को निर्देश दिया गया है कि पुलिस गैंगस्टर के संपत्ति के बारे में ब्यौरा मांगता है तो उसे प्राथमिक पर उपलब्ध कराएं। इसकी जल्द ही समीक्षा की जाएगी।