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वाराणसी में ऑक्सीजन डीलरों के घर के सामने डीएम ने तैनात की पुलिस, ब्लैक मार्केटिंग को लेकर कड़ा कदम

कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद ऑक्सीजन की मांग अचानक ही बढ़ गई। यह समस्या वाराणसी की ही नहीं बल्कि तमाम शहरों में आई है। इसी का लाभ उठाते हुए कुछ लोग बेतहाशा चोरी से ऑक्सीजन बेचने लगे हैं। अस्पतालों में सस्ते दर पर ऑक्सीजन मिल जाती है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 10:10 AM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 10:10 AM (IST)
वाराणसी में ऑक्सीजन डीलरों के घर के सामने डीएम ने तैनात की पुलिस, ब्लैक मार्केटिंग को लेकर कड़ा कदम
वाराणसी में ऑक्सीजन डीलरों पर जिला प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए कालाबाजारियों पर नकेल कस दी है।

वाराणसी, जेएनएन। एक ओर पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना की मार से जूझ रहा है, वहीं ब्लैकमेलर इस आपदा को कालाबाजारी में बदलने में जुट गए हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग करने वालों पर नकेल कस दी है। ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के घर के सामने पुलिस तैनात कर दी है। पिछले दिनों कमिश्नर एवं डीएम ने डीलरों के साथ बैठक कर स्पष्ट कर दिया था कि सबसे पहले अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी।

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कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद ऑक्सीजन की मांग अचानक ही बढ़ गई। यह समस्या वाराणसी की ही नहीं, बल्कि तमाम शहरों में आई है। इसी का लाभ उठाते हुए कुछ लोग बेतहाशा चोरी से ऑक्सीजन बेचने लगे हैं। अस्पतालों में सस्ते दर पर ऑक्सीजन मिल जाती है। खासकर सरकारी अस्पतालों में तो मात्र 250 रुपये में ही। इसके बाद कालाबाजारी करने वाले अस्पतालों को न देकर सीधे ब्लैक करने लगे। सूत्र बताते हैं कि कुछ लोग 240 रुपये वाली गैस आठ हजार रुपये तक बेचने लगे थे। वहीं तीन हजार वाले ऑक्सीजन के बड़े सिलेंडर 25 हजार रुपये से अधिक मुंहमांगी कीमत में बेचने लगे थे। हालांकि जिला प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए कालाबाजारियों पर नकेल कस दी है।

सरकारी कोविड हास्पिटल में पर्याप्त है आक्सीजन व आइसीयू बेड : डीएम

जिले के सरकारी हास्पिटल में कोविड मरीजों के लिए आक्सीजन, आइसीयू सहित समस्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। बस, समय से अपनी समस्या से स्वास्थ्य विभाग या कोविड कमांड सेंटर को अवगत कराएं। नामित कोविड एल-2 व एल-3 हास्पिटल में भी चिकित्सीय सुविधाएं पर्याप्त हैं, जो कोविड मरीजों को उपलब्ध भी कराई जा रही हैं। यह बातें जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कोविड हास्पिटल में आइसीयू बेड व आक्सीजन की किल्लत संबंधी सवालों के जवाब में कही।

डीएम ने बताया कि सरकारी कोविड अस्पतालों को उनकी मांग के अनुसार इंजेक्शन रेमेडिसवीर निश्शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही निजी कोविड अस्पतालों को सस्ते दरों पर रेमेडिसवीर दिलाई जा रही है। इस इंजेक्शन के लिए निजी कोविड अइस्पतालों में भर्ती मरीजों से अधिकतम 899 रुपये प्रति इंजेक्शन चार्ज स्वरूप लिया जा सकता है। इससे अधिक धनराशि किसी भी चिकित्सालय या व्यक्ति द्वारा लेना दंडनीय अपराध है। ऐसा कृत्य करते हुए पाए जाने पर उक्त संस्था या व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। प्रभारी सीएमओ डा. एनपी सिंह ने बताया कि शिकायत मिल रही है कि कुछ डाक्टर होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए ओपीडी के पर्चे पर इंजेक्शन रेमेडिसवीर लिख रहे हैं। यदि इस प्रकार की शिकायतें मिलती हैं तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इंजेक्शन रेमेडिसवीर उन्हीं कोविड हास्पिटल को उपलब्ध कराया जाएगा, जिनके यहां कोविड संक्रमित मरीज भर्ती किए गए हैं।


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