Varuna Corridor में गंदगी इतनी कि कीचड़ में फंसा वाराणसी के कमिश्नर का जूता
ई-रिक्शा कॉरिडोर व वरुणा कॉरिडोर का निरीक्षण करने पहुंचे वाराणसी के कमिश्नर का पारा तब हाई हो गया जब बीच रास्ते नक्खी घाट में उनका गंदगी से सामना हुआ।
वाराणसी, जेएनएन। ई-रिक्शा कॉरिडोर व वरुणा कॉरिडोर का निरीक्षण करने पहुंचे कमिश्नर का पारा तब हाई हो गया जब बीच रास्ते नक्खी घाट में उनका गंदगी से सामना हुआ। बाइक से निरीक्षण कर रहे कमिश्नर जब नक्खीघाट पर उतरे तो इस कदर गंदगी व कीचड़ था कि उनके जूते में ही गंदगी व कचरा फंस गया। हद तो तब हो गई जब कमिश्नर चल रहे थे और उनके सामने ही नगर निगम के सफाईकर्मी सफाई करते हुए आगे बढ़ रहे थे। इस लापरवाही पर कमिश्नर भड़क गए और उन्होंने नगर निगम प्रशासन को जमकर लताड़ लगाई। कहा कि ई-रिक्शा कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो गया और रास्ते में इतनी दुश्वारियां हैं।
सिंचाई विभाग के अभियंताओं पर नाराजगी जाहिर की और अविलम्ब कमियों को दुरूस्त करने का निर्देश दिया
करीब 201 करोड़ की लागत से बने वरुणा कॉरिडोर के निर्माण में भी कमिश्नर को दर्जनों जगहों पर खामियां दिखी। कॉरिडोर बनने से पहले ही इंटरलॉकिंग के सिमेंटेंड पत्थर उजडऩे व नदी के मुहाने पर बने रेलिंग की सैकड़ों पट्टियां व पिलर गिरने पर कमिश्नर ने नाराजगी जताई। साथ में चल रहे सिंचाई विभाग के अभियंताओं पर नाराजगी जाहिर की और अविलम्ब सभी कमियों को दुरूस्त करने का निर्देश दिया। कमिश्नर दीपक अग्रवाल शाम चार बजे शास्त्री घाट से बाइक पर सवार होकर वीडीए वीसी राहुल पांडेय के साथ निरीक्षण पर निकले। शास्त्रीघाट से चौकाघाट के बीच में सिंचाई विभाग की ओर से तैयार किए जा रहे वरुणाा कॉरिडोर का कई जगहों पर रेलिंग, पिलर टूटा मिला। पाथ-वे की इंटरलॉकिंग भी टूटी मिली। चौकाघाट से नक्खी घाट के बीच में बन रहे घाट निर्माण का काम बंद होने पर स्थानीय लोगों ने घाट बनवाने की मांग कमिश्नर से की। वहीं पर कमिश्नर का गंदगी से भी सामना हुआ।
नदी के दूसरे मुहाने पर पाथ-वे नहीं बना था
नक्खीघाट पर उन्हें जबरदस्त गंदगी मिली। वहीं पर नदी के दूसरे मुहाने पर पाथ-वे नहीं बना था जिसे कमिश्नर ने बनवाने का निर्देश दिया। बाद में वह सरैया तक निरीक्षण किए और वरुणा कॉरिडोर की खामियों के साथ ही ई-रिक्शा कॉरिडोर के वैकल्पिक मार्ग की गहनता से पड़ताल किए। हालांकि इस बीच उन्होंने माना कि अभी ई-रिक्शा कॉरिडोर पूरी तरह से चलने लायक नहीं है, नदी का पानी कम होने पर और सुधार की जरूरत है। बता दें कि ई-रिक्शा कॉरिडोर के लिए शास्त्रीघाटव नक्खी घाट पर रैम्प तैयार हो गया है। पुराने पुल पर जो रैम्प बनेगा वह पिलरों के सहारे एलिवेटेड बनाया जाएगा। तैयारी है कि करीब 101 लाख से बने इस वैकल्पिक मार्ग पर दशहरा से पहले ई-रिक्शा का संचालन शुरू हो जाए।