विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर हटाए गए निदेशक, जुलाई में 36 घंटे आपूर्ति बाधित होने में पाया गया दोषी
विद्युत आपूर्ति बाधित होने के मामले में लापरवाही पाए जाने पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने बड़ी कार्रवाई की है।
वाराणसी, जेएनएन। विद्युत आपूर्ति बाधित होने के मामले में लापरवाही पाए जाने पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने बड़ी कार्रवाई की है। मछोदरी विद्युत उपकेंद्र से सात जुलाई, 18 और 21 जुलाई को 36 घंटे आपूर्ति बाधित होने के मामले में दोषी करार देते हुए शासन ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक (वितरण) अंशुल अग्रवाल को हटा दिया है। इस कार्रवाई का आदेश बुधवार को जारी किया गया। इससे पहले इस मामले में और तीन अभियंताओं पर कार्रवाई हो चुकी है।
शहर में विद्युत आपूर्ति बाधित होने के मामले में क्षेत्र के अधिशासी अभियंता एके सिंह के साथ ही एसडीओ व जेई को हटा दिया गया था। साथ ही कारपोरेशन ने एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी बैठाई थी। कारण कि इतनी लंबी अवधि तक आपूर्ति बाधित होने से ऊर्जा विभाग की छवि धूमिल हुई थी। जांच में पाया गया कि मछोदरी उपकेंद्र को एक अन्य उपकेंद्र आइडीएच से दी जाने वाली वैकल्पिक आपूर्ति के लिए केबल को ठीक कराकर व्यवस्थित नहीं किया गया था। इसके कारण ऐसी स्थिति बनी। यही नहीं अग्रवाल पर यह भी आरोप है कि उस दौरान पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों में 2500 ट्रांसफार्मर लंबे समय से खराब थे। बावजूद इसके समयबद्ध तरीके से मरम्मत नहीं कराया गया। इस मामले में स्पष्टीकरण भी मांगा गया था।
यही नहीं अग्रवाल पर प्रदेश के तीन प्रमुख शहरों वाराणसी, गोरखपुर व प्रयागराज से संबंधित उपकेंद्रों की जरूरतों पर भी ध्यान नहीं देने का आरोप लगा। पाया गया कि अग्रवाल अपने कर्तव्यों व दायित्वों को सही से निर्वहन नहीं कर पाए। नौ अक्टूबर को चयन समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसपर कार्रवाई हुई। इसमें मुख्य सचिव के साथ ही शासन के कई आलाधिकारी शामिल थे।
बोले अधिकारी : वाराणसी में 36 घंटे तक विद्युत आपूर्ति बाधित होने से सहित कई ममलों में अंशुल अग्रवाल को दोषी पाया गया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद समिति ने उन्हें निदेशक पद से हटा दिया है। - आलोक कुमार, चेयरमैन, यूपीपीसीएल।