Move to Jagran APP

सोनभद्र में बीएसएनल के दूरभाष केंद्रों पर टावर चलाने के लिए नहीं मिल रहा डीजल

सोनभद्र में बीएसएनएल के कुल 24 दूरभाष केंद्र हैं। अप्रैल वर्ष 2018 से केंद्रों चलाने के लिए बीएसएनल प्रशासन की तरफ से डीजल नहीं मिल रहा है। इसके चलते बिजली कटौती होते ही इससे जुड़े उपभोक्ताओं के मोबाइल में नेटवर्क गायब हो जाते हैं।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 07:20 AM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 07:20 AM (IST)
सोनभद्र में बीएसएनल के दूरभाष केंद्रों पर टावर चलाने के लिए नहीं मिल रहा डीजल
मेन जगहों पर दूरभाष चलाने के लिए डीजल मिलता है।

सोनभद्र, जेएनएन। संचार क्रांति के इस दौर में भारत में 5 जी स्पीड की तैयारी की जा रही है। इससे की उपभोक्ताओं को बेहतर स्पीड मिल सके और उनको बेहतर कनेक्विटी मिलती रही। पर आदिवासी बाहुल्य सोनभद्र में भारतीय संचार निगम लिमिटेड (बीसएनएल) से जुड़े एक लाख 30 हजार उपभोक्ताओं के मोबाइल बिजली कटते ही खामोश हो जाते हैं। मोबाइल से नेटवर्क गायब होते ही उनका संपर्क अपनों से टूट जाता है और उनकी मोबाइल मात्र खिलौना बनकर रह जाती है। इसका नतीजा यह हुआ कि पिछले तीन सालों में करीब तीन लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने इससे मुंह मोड़ लिया। 

loksabha election banner

जिले में बीएसएनल के कुल 24 दूरभाष केंद्र हैं। अप्रैल वर्ष 2018 से केंद्रों चलाने के लिए बीएसएनल प्रशासन की तरफ से डीजल नहीं मिल रहा है। इसके चलते बिजली कटौती होते ही इससे जुड़े उपभोक्ताओं के मोबाइल में नेटवर्क गायब हो जाते हैं। इसी का नतीजा हुआ कि आज के तीन साल पहले जहां बीएसएनल के करीब 4.5 लाख उपभोक्ता थे, वहीं अब वह घटकर एक लाख 30 हजार पहुंच गए हैं। पिछले तीन सालों में उपभोक्ताओं के घटने का कारण मोबाइल में नेटवर्क का नहीं होना है। डीजल न मिलने से बिजली कटने के बाद दूरभाष केंद्रों पर लगे टावर बंद हो जाते हैं। इसके चलते आदिवासी बाहुल्य इस इलाकों में लोग सोशल मीडिया की बात तो दूर एक बार मोबाइल से बात करने के लिए तरस जाते हैं।

छह हजार लीटर प्रतिवर्ष होता था खर्च

नाम न छापने की शर्त पर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 24 केंद्रों पर प्रतिवर्ष छह हजार लीटर डीजल की खपत होती थी। कुछ दूरभाष केंद्रों पर डीजल की चोरी करके बेच दिया जाता था। इसके लिए भारी भरकम बिल बनाकर भेज दिया जाता था। इससे विभाग को काफी नुकसान उठाना पड़ता था। इसको देखते हुए डीजल मिलना बंद हो गया। 

बोले अधिकारी

डीजल मिलना बंद गया हो गया है। मेन जगहों पर दूरभाष चलाने के लिए डीजल मिलता है। कुछ जगहों पर बैट्री पर बैकअप पर काम किया जाता है। बैट्री काफी पुरानी होने से एक दो घंटे ही संभाल पाती है। नए बैट्री लगाने के लिए टेंडर निकाला गया है। - राजेश यादव, सहायक महाप्रबंधक, मीरजापुर मंडल। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.