धनतेरस पर मां लक्ष्मी से हारी मंदी, आठ अरब के अर्थ से बाजार में दौड़ा कारोबारी करंट, खूब हुई खरीदारी
धनतेरस पर्व पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसी ...। बुधवार को बाजार में मंदी मां लक्ष्मी से पराजित हो गई। आठ अरब का अर्थ मिला तो बाजार में कारोबारी करंट दौड़ गया।
वाराणसी, जेएनएन। धनतेरस पर्व पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसी ...। बुधवार को बाजार में मंदी मां लक्ष्मी से पराजित हो गई। आठ अरब का अर्थ मिला तो बाजार में कारोबारी करंट दौड़ गया। आटोमोबाइल, सोने-चांदी, फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक, बर्तन, रेडीमेड, रियल एस्टेट के कारोबारियों के चेहरे खिले दिखे। बाजारों की ओर रुख किए ग्राहकों का सिलसिला देर रात तक अनवरत बना रहा। शहर में लोगों की भीड़ बाजार के फिर से उठ खड़े होने का संदेश दे रही थी। विभिन्न ट्रेडों के दिग्गजों ने भी स्वीकारा कि उम्मीद से ज्यादा बरसी मां लक्ष्मी की कृपा। इससे स्थिति स्पष्ट हो गई कि देश में व्यापार फिर से कारोबार के ट्रैक पर रफ्तार भरेगा ...।
दिन ढलने के साथ परवान चढ़ती गईं उम्मीदें
त्योहारी सीजन की शुरुआत में ही नजर आने वाली हलचल धनतेरस पर्व पर बाजार में परवान चढ़ी। ग्राहकों के पहुंचने का सिलसिला सुबह से देर रात तक अनवरत रहा। जटिलताओं के बावजूद शहर से लेकर कस्बाई बाजारों में हालात एक जैसे दिखे।
लैपटॉप, मोबाइल दुकानों पर युवाओं की भीड़
लैपटॉप एवं मोबाइल दुकानों पर युवाओं की भीड़ रही। युवा नौंवी जेनरेशन का लैपटॉप खरीदने को तवज्जो दे रहे थे। 20 हजार से ढाई लाख तक के लैपटॉप बिके। मूल्यों का निर्धारण उनके प्रोसेसिंग पर आधारित रहा था। कमोबेश मोबाइल दुकानों पर भी ऐसा चलन देखने में आया। कैमरे की क्षमता, रैम, मीमोरी इत्यादि की तुलना कर मोबाइल खरीद रहे थे।
डाइनिंग टेबल, सेंटर टेबल, सोफा संग लौटे घर
फर्नीचर की दुकानों में युवा ज्यादा नजर आए। इन्होंने डाइनिंग टेबल, सेंटर टेबल, सोफा इत्यादि को खरीदने में ज्यादा रुचि दिखाई। घरों की जरूरतों के दृष्टिगत आलमीरा, कुर्सियों को खरीदने में भी रुचि दिखाई। मसलन पूरे दिन खरीदारों के दुकानों, शोरूम में पहुंचने का क्रम सिलसिला जारी रहा।
फर्निशिंग दुकानों में अटे-पड़े रहे ग्राहक, झाड़ू भी खूब बिकी
फर्निशिंग दुकानों में पहली बार इतनी भीड़ दिखी। छोटी-बड़ी दुकानों में ग्राहकों की भीड़ ऐसा संदेश देती रही मानों पूरे घर को नए कपड़े पहनाने को आतुर हो। हालांकि बदलाव के इस संदेश के दृष्टिगत दुकानदारों ने पहले से तैयारियां कर रखीं थीं।
सोने-चांदी के शोरूम में मेले जैसा माहौल
सोने-चांदी की दुकानों एवं शोरूम में भीड़ का आलम संदेश रहा था कि देश में मंदी जैसा कुछ है ही नहीं। महिला-पुरुषों संग युवा खरीदारों की भीड़ उमड़ी थी। हीरे की अंगूठी, चांदी के बर्तन व सिक्के खरीदने वालों का पूरे दिन तांता लगा रहा। कारोबारियों ने सवाल करने पर दो टूक जवाब दिया कि उम्मीद से ज्यादा मां लक्ष्मी ने कृपा बरसाई है।
2500 बाइक व 1200 चार पहिया वाहन बिके
आटो बाजार में उछाल उम्मीद से ज्यादा रहा। 2500 बाइक, 1200 फोर व्हीलर बिके। बहुतेरे लोग जेब में रुपये होने के बावजूद गाडिय़ां नहीं खरीद सके। दरअसल डिमांडेड गाडिय़ां पहले ही लोग बुक करा चुके थे। शोरूम में गाडिय़ां खड़ी होने के बावजूद खरीद न पाने के मलाल में लोग नाराज हुए। असल में उनके सामने ही बहुतेरे पसंदीदा बाइक एवं कार शोरूम से लेकर जा रहे थे। एजेंसी संचालकों ने समझाया कि जो लोग गाडिय़ां ले जा रहे उन्होंने पूर्व में ही बुकिंग कराई थी।
बाजार में दिखा डीए एवं बोनस का दम
खरीदारों का एक बड़ा तबका सरकारी कर्मचारियों का रहा। केंद्र व राज्य सरकार ने कर्मचारियों को बोनस एवं डीए दोनों दिया था। जेब में रुपये होंगे तो कोई खुद को कैसे रोक पाएगा। कारोबारियों ने भी माना कि त्योहार से ठीक पहले कर्मचारियों की जेब में बोनस एवं डीए आने का असर बाजार में दिख रहा है।
लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, दिये की रही दुकानदारी
शहर की ऐसी कोई सड़क नहीं बची जहां किनारे बाजार न लगी हो। बाजार से लौट रहे अधिकांश हाथों में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, दिये, रुई इत्यादि सामान लिए नजर आए।
इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार भी बम-बम
इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार भी ग्राहकों के उमडऩे से बम-बम नजर आया। ग्राहकों ने फ्रिज, वाशिंग मशीन, एलईडी, एलसीडी टीवी, माइक्रोवेव ओवन, होम थियेटर, इंडक्शन चूल्हा, लैपटॉप, डेस्कटॉप आदि खरीदते नजर आए। समस्त सरकारी विभागों में ऑनलाइन टेंडरिंग, ई-रिटर्न आदि के चलते अबकी लैपटॉप की बिक्री में भी 30 से 40 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ।
बर्तन दुकान व शोरूम में सबसे ज्यादा खरीदार
धनतेरस पर्व पर बर्तन खरीदने की परंपरा रही है। इसका असर देखने को भी मिला। दुकानों पर पीतल, तांबा और स्टेनलेस स्टील के उत्पादों की पूछ ज्यादा रही। ग्राहकों ने इंडक्शन बर्तन, क्राकरी आइटम, गैस चूल्हा, कूकर, मिक्सी की बिक्री खूब हुई।
इन बाजारों में रहा ग्राहकों का रेला
शहर के प्रमुख बाजार गोदौलिया, दशाश्वमेध, चौक, बुलानाला, मैदागिन, नई सड़क, लक्सा, रथयात्रा, सिगरा, महमूरगंज, लंका, सुंदरपुर, चांदपुर, लहरतारा, लहुराबीर, मलदहिया, पांडेयपुर, आशापुर, अर्दली बाजार, गिलटबाजार में ग्राहकों की ठसाठस भीड़ रही। शाम के बाद तो भीड़ के चलते सड़कों पर निकलना मुश्किल था। वहीं वाहन भी रेंगते नजर आए।
किस बाजार में कितनी हुई धनवर्षा
उत्पाद अनुमानित कारोबार
ड्राई फूड्स 11 करोड़
पटाखा 10 करोड़
रीयल एस्टेट 100 करोड़
आटो सेक्टर 150 करोड़
ट्रैक्टर व कृषि यंत्र 20 करोड़
सोने-चांदी के सिक्के 60 करोड़
कास्मेटिक आइटम दो करोड़
इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स 115 करोड़
विविध प्रकार के लगेज चार करोड़
साइकिल/रिक्सा/ट्राली 3.5 करोड़
विविध प्रकार के बर्तन 28 करोड़
विविध प्रकार की मिठाई 8 करोड़
आर्टिफिशियल मालाएं 1.50 करोड़
आर्टिफिशियल ज्वेलरी 1.50 करोड़
विविध प्रकार की कालीन 60 करोड़
सोने/डायमंड के आभूषण 125 करोड़
चांदी के जेवर/अन्य उत्पाद 30 करोड़
गल्ला, किराना, तिलहन व दलहन 19 करोड़
परिधान/फर्नीचर/होम फनीर्शिंग 25 करोड़
ऑनलाइन ट्रेडिंग (अन्य कारोबार) 40 करोड़
नोट : यह आंकड़े थोक एवं फुटकर कारोबारियों से बातचीत के बाद अनुमानित हैं।