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Dev Deepawali 2020 : राजा चेत सिंह घाट पर लेजर शो ने दिखाया काशी का आध्यात्मिक स्वरूप

लेजर लाइट एंड साउंड शो ने प्राचीन काशी का सांस्कृतिक व आध्यात्मिक अक्स बेहद रोमांचक स्वरूप में प्रस्तुत कर प्रधानमंत्री मोदी और काशीवासियों का दिल जीत लिया। 480 लेजर जो एक साथ एक जगह से कंट्रोल किया गया। दिल्ली से आई टीम ने छह दिन में इसे इंस्टाल किया था।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 09:24 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 09:24 PM (IST)
Dev Deepawali 2020 : राजा चेत सिंह घाट पर लेजर शो ने दिखाया काशी का आध्यात्मिक स्वरूप
वाराणसी में राजा चेतसिंह घाट पर लेजर लाइट एंड साउंड शो का नजारा।

वाराणसी, जेएनएन। लेजर लाइट एंड साउंड शो ने प्राचीन काशी का सांस्कृतिक व आध्यात्मिक अक्स बेहद रोमांचक स्वरूप में प्रस्तुत कर प्रधानमंत्री मोदी और काशीवासियों का दिल जीत लिया। देश में अब तक का  सबसे भव्य व खूबसूरत, किसी भी फिल्म अवार्ड समारोह और अयोध्या से ज्यादा अत्याधुनिक चेत सिंह घाट का लेजर शो रहा, ऐसा कहना था, वहां मौजूद अधिकारियों व लोगों का।

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450 लेजर लाइटों से सजा-धजा किला व घाट मानो 480 रंगों की फुहार कर रहा हो। यह फुहार तब और भी रोमांचक हो गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्रूज ठीक 7.25 पर अलकनंदा घाट के सामने नो एंट्री जोन में आ खड़ी हुई। करीब 12 मिनट तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी इस शो को एक टक निहारते रहे। इस दौरान नौकाओं पर सवार काशीवासियों ने भी बखूबी अपने कैमरे में यह तस्वीर उतारते रहे।

सबसे खास इस प्रदर्शनी में रहा भगवान विश्वनाथ का तांडव। भोलेनाथ किले की दीवारों पर जब नृत्य आरंभ किये तो, बजड़े और नौकाओं पर सवार दर्शनार्थियों ने एक स्वर में हर हर महादेव व जय शकंर का जयघोष करना शुरू कर दिया। शो की शुरुआत में काशी की सांस्कृतिक यात्रा पर चर्चा हुई, इसके बाद भेदभाव रहित काशी में गंगा आरती को धर्म व समाज को जोड़ने वाला बताया गया। वहीं देव दीपावली का आध्यात्मिक महत्व समेत

घाट पर स्थित गंगा में डुबकी लगाते ब्राह्मण और काशी की पारंपरिक फक्कड़पन को चित्र के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। करीब 7.37 पर प्रधानमंत्री का काफिला चेत सिंह घाट से आगे बढ़ गया। इसके बाद यह लेजर शो आम शहरियों के लिए भी खोल दिया गया।

50 लोगों की टीम ने किया छह दिन अभ्यास

कुल 480 लेजर जो एक साथ एक जगह से कंट्रोल किया गया। 50 लोगों की दिल्ली से आई टीम ने इसे छह दिन में इसे इंस्टाल किया था। लाइट एंड साउंड शो की जिम्मेदारी संभाल रहे बरेली से आये पर्यटन विभाग के रीजनल अधिकारी बी पी सिंह ने बताया कि इससे पहले इस तरह की लाइटिंग कहीं और नहीं की गई थी। अयोध्या में किया तो गया था, मगर उसका ज्यादातर हिस्सा स्क्रीन पर आधारित था। जबकि बनारस में यह पूरी तरह दीवारों पर ही किया गया।

चार रात से ज्यादा का रिहर्सल आया काम

बॉलीवुड अवार्ड शो फिल्म फेयर में लाइट का काम देखने वाली कंपनी विज क्राफ्ट ने तीन से चार रात तक इसका रिहर्सल किया था, तब जाकर 12 मिनट तक इस शो को सफलतापूर्वक अंजाम दे पाए।

मोदी के जाते ही धक्का-मुक्की व कोविड नियम हुए तार-तार

प्रधानमंत्री मोदी के जाते ही घाट पर धक्का मुक्की शुरू हो गई। इस दौरान हजारों लोग एक साथ घाट पर उमड़ पड़े और शो चलाने के लिए शोर व हल्ला मचाते रहे। पुलिस वाले मूकदर्शक बनकर देखते रहे। न तो कोरोना महामारी का खौफ रत्ती भर दिखा और न ही शारीरिक दूरी की मिसाल।


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