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उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र ए के सिंह ने कहा - 'भ्रष्ट अफसरों की बनाई जा रही है कुंडली'

उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र (डीटीसी) एके सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार कार्यालय के अंदर हो या बाहर कहीं भी नहीं चलेगा। अधिकारियों को अपने कार्यप्रणाली में बदलाव लाना होगा यदि बदलाव नहीं लाएंगे तो वे बदल दिए जाएंगे।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 11:33 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 11:33 AM (IST)
उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र ए के सिंह ने कहा -  'भ्रष्ट अफसरों की बनाई जा रही है कुंडली'
डीटीसी एके सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार कार्यालय के अंदर हो या बाहर, कहीं भी नहीं चलेगा।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र (डीटीसी) एके सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार कार्यालय के अंदर हो या बाहर, कहीं भी नहीं चलेगा। अधिकारियों को अपने कार्यप्रणाली में बदलाव लाना होगा, यदि बदलाव नहीं लाएंगे तो वे बदल दिए जाएंगे। ऐसे भ्रष्ट अफसरों की कुंडली बनाई जा रही है। जिन्होंने मनमानी की उनके परिणाम आज सामने हैं।

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थाने में मुकदमा दर्ज होने के साथ जेल की हवा तक खानी पड़ी। कई अधिकारियों की जांच चल रही है। सरकार की मंशा है कि भ्रष्टाचार खत्म करना, उसे खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। वह पहडिय़ा स्थित कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करने के बाद दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का पालन नहीं करने से दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही है। थोड़ी सी लापरवाही में लोगों की जान तक चली जाती है, ऐसे में शासन ने ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल कर दी गई है। अभी मंडल मुख्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस ट्रेनिंग सेंटर में डीएल बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है। संभागीय निरीक्षक को सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। डीएल बनाने में लापरवाही मिली तो उनके निलंबन के लिए संस्तुति की जाएगी। साथ में डीएल बनाने वाले एजेंसी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

कंपनी के कुछ कर्मचारी बाहरी लोगों को अपने पास बैठते हैं, उन्हें चिह्नित कर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसके लिए एआरटीओ से रिपोर्ट मांगी जाएंगी। परिवहन कार्यालय में दलालों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए एआरटीओ को कहा गया है। वाहन स्वामी सीधे अपना काम कराए। अधिकारी और बाबू दलालों के हाथों से फाइल नहीं ले, यदि दलाल खुद काम कराने का दबाव बनाते हैं तो उनके खिलाफ स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। यह जिम्मेदारी एआरटीओ की होगी।


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