बीएचयू कैंपस में डेंगू की दस्तक, नर्सिंग आफिसर सहित दो स्टाफ के बच्चे आए चपेट में
कोरोना की दूसरी लहर अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई कि डेंगू का प्रकोप बढ़ने लगा है। इससे अब बीएचयू कैंपस भी अछूता नहीं हैं। यहां की एक नर्सिंग आफिसर सहित दो स्टाफ के बच्चे डेंगू की चपेट में आ गए हैं।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई कि डेंगू का प्रकोप बढ़ने लगा है। इससे अब बीएचयू कैंपस भी अछूता नहीं हैं। यहां की एक नर्सिंग आफिसर सहित दो स्टाफ के बच्चे डेंगू की चपेट में आ गए हैं। इसके अलावा दो अन्य मरीज सेंटल एवं सुंदरपुर के रहने वाले हैं। इसे लेकर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।
चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के सुंदरलाल अस्पताल में डेंगू के चार मरीज भर्ती हैं। इसमें से दो मरीज महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की बगिया काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ही बताए जा रहे हैं। जिला मलेरिया अधिकारी डा. शरद चंद्र पांडेय ने बताया कि बीएचयू से चार मरीजों में डेंगू की पुष्टि की सूचना आई है। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से एंटी वायरसल स्प्रे एवं फागिंग कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही अन्य मोहल्लों भी संचारी अभियान के तहत नगर निगम के साथ मिलकर फागिंग भी तेज कराई जाएगी।
इस पर दें ध्यान
डा. पांडेय ने बताया कि डेंगू के मच्छर घरों में रहते हैं। इस लिए जरूरी है कि साफ पानी को भी एकत्रित नहीं होने दिया जाएं। लोगों से अपील की कि वे कूलर का पानी, कबाड़, छत पर नारियल खोल, कूड़े आदि में भी पानी एकत्रित नहीं होने दे।
बीएचयू में आया जापानी इंसेफ्लाइटिस का पहला संदिग्ध
कोरोना के बाद अब जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) का खतरा बढ़ा गया है। इसकी आहट से बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में चिकित्सक भी अलर्ट हो गए हैं। यहां पर जापानी इंसेफ्लाइटिस एक संदिग्ध मरीज भी आ गया है। इसकी जांच के लिए संस्थान के लैब में सैंपल भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद इसकी पुष्टि हो जाएगी। हालांकि संदिग्ध मानकर मरीज का उपचार शुरू हो गया है। ऐसे में अगर यहां पर जेई की पुष्टि होती है तो इसकी दस्तक माना जा सकता है। अस्पताल स्थिति बाल रोग विभाग के वार्ड में मंगलवार को जापानी इंसेफ्लाइटिस का एक संदिग्ध बच्चा आया है। बाल रोग विभाग के प्रो. सुनील राव ने बताया कि इस बच्चे के जापानी इंसेफ्लाइटिस होने की अभी पुष्टि होनी बाकी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। हालांकि भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया गया है।