वाराणसी आएंगे ‘शंघाई सहयोग संगठन’ के डेलीगेट्स और देखेंगे देवदीपावली, स्मार्ट सिटी बनाएगा डोजियर
Shanghai Sahyog Sangathan शंंघाई कारपोरशन आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रध्यक्षों के होने वाले शिखर सम्मेलन में वाराणसी को संगठन की पहली संस्कृति और पर्यटन राजधानी वाराणसी के लिए अधिकारिक नामांकन के रूप में प्रस्तुत करने की तैयारी शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ यानी शंंघाई कारपोरशन आर्गेनाइजेशन) के राष्ट्रध्यक्षों के होने वाले शिखर सम्मेलन-2022 में काशी को संगठन की प्रथम संस्कृति व पर्यटन राजधानी के लिए अधिकारिक नामांकन के रूप में प्रस्तुत करने की तैयारी शुरू हो गई है। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर जिम्मेदारी सौंपी। साथ ही कहा कि पांच फरवरी तक काशी की डोजियर व डायरी तैयार कर ली जाए। यह शासन को भेजी जानी है।
कमिश्नर मंडलीय सभागार में शुक्रवार को नगर निगम, संस्कृति समेत 15 विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान निर्देश दिया कि सितंबर से सितंबर तक यानी एक साल में आयोजित होने वाले काशी के महत्वपूर्ण सभी कार्यक्रमों की डायरी तैयार कर लें। इसमें देवदीपावली, संकट मोचन संगीत समारोह, महात्माबुद्ध की कर्मभूमि सारनाथ समेत अन्य पर्यटन स्थल की विशेषता व रामनगर की रामलीला समेत अन्य काशी के लोकप्रिय सांस्कृतिक महत्व वाले कार्यक्रमों को समाहित करते हुए इसकी रिपोर्ट बनाकर वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी को सौंप दी जाए। काशी की डोजियर स्मार्ट सिटी की ओर से तैयार किया जाएगा। बैठक में यह भी कहा गया है कि काशी को एससीओ की सांस्कृतिक व पर्यटन राजधानी बनाने के लिए इसे रखा जाएगा। इसी के साथ उम्मीद जताई गई कि अगर मंजूरी मिली तो एससीओ के डेलीगेट्स काशी आएंगे। दुनिया की प्राचीन इस नगरी की सांस्कृतिक विरासत को अपनी आंखों से देखेंगे। विश्वस्तर पर काशी का मान सम्मान बढ़ेगा व दूर तक इसके बड़े संदेश जाएंगे। काशी के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बैठक में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, नगर आयुक्त प्रणय सिंह समेत अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
शंघाई सहयोग संगठन में आठ देश
चीन , कजकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस और तजकिस्तान ने 1996 में शंघाई-5 नाम से संगठन बनाया। वर्ष 2001 में आयोजित शिखर सम्मेलन में उज्बेकिस्तान को शामिल कर इसका शंघाई -6 नाम दिया गया। अब यह शघाई सहयोग संगठन के नाम से जाना जाता है। 24 जून, 2016 को इस संगठन में भारत व पाकिस्तान सदस्य बनें। अब इस संगठन में आठ देश हैं। संगठन राजनीतिक, आर्थिक व सैनिक संगठन है। संगठन का मुख्यालय बीजिंग चीन में है। अधिकारिक भाषा चाइना व रसियन है।