Move to Jagran APP

जख्‍म जितना गहरा था, मरहम में उतनी ही कंजूसी, वरुणा पुल के गड्ढे में डाल दी गंगा से निकली बालू

शहर को वरुणापार से जोड़ने और सुगम यातायात के लिए पहले कचहरी से नदेसर की ओर जाने-आने के लिए एक पुल था। पुल पर दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती थी। राहगीरों को जाम से निजात दिलाने के लिए वरुणा में एक और पुल बनाया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 07:08 PM (IST)
जख्‍म जितना गहरा था, मरहम में उतनी ही कंजूसी, वरुणा पुल के गड्ढे में डाल दी गंगा से निकली बालू
पीडब्ल्यूडी गड्ढे में गंगा बालू डालने के साथ बोरी में बालू भरकर छल्ली लगाने लगा है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बारिश के पानी से वरुणा पुल के नीचे की मिट्टी बहने, एक हिस्सा धंसने के बाद लोक निर्माण विभाग अब उसे बचाने में जुट गया है। पीडब्ल्यूडी गड्ढे में गंगा बालू डालने के साथ बोरी में बालू भरकर छल्ली लगाने लगा है। वरुणा पुल को आगे कोई नुकसान नहीं पहुंचे, इसके लिए पीडब्ल्यूडी के अभियंता निरीक्षण भी किए। निरीक्षण में पाया कि बिना ईंट की चुनाई या रैंप की ढलाई किए बारिश से मिट्टी को बहने से रोका नहीं जा सकता है। उच्च अधिकारियों से चर्चा करने के बाद मरम्मत की कार्ययोजना तैयार करेंगे। दैनिक जागरण ने 22 नवंबर के अंक में मिट्टी बहने से वरुणा पुल को खतरा, पुल के किनारे का एक हिस्सा धंसा खबर लिखकर पीडब्ल्यूडी के समक्ष रख था।

loksabha election banner

शहर को वरुणापार से जोड़ने और सुगम यातायात के लिए पहले कचहरी से नदेसर की ओर जाने-आने के लिए एक पुल था। पुल पर दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती थी। राहगीरों को जाम से निजात दिलाने के लिए वरुणा में एक और पुल बनाया गया। पुल से लोगों को काफी राहत भी मिली लेकिन पुल के नीचे पिलर के पास मिट्टी रोकने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की गई। नतीजा यह हुआ कि बारिश होने के साथ पुल के नीचे की मिट्टी बहने लगी। एक हिस्सा बैठने पर पीडब्ल्यूडी के होश उड़ गए। मौैके पर जाकर अभियंता ने देखा तो 10 फीट से अधिक गड्ढा होने के साथ एक हिस्सा धंसा पाया। आनन-फानन में पीडब्ल्यूडी ने बालू डालने के साथ बोरी में बालू भरकर छल्ली लगाने लगा है।

फिर बारिश के पानी में बह जाएगी बालू : वरुणा पुल के नीचे मिट्टी बहने के बाद पीडब्ल्यूडी भले ही बालू डालकर और बोरी में बालू भरकर छल्ली लगा रहा हो लेकिन उससे कोई फायदा नहीं होने वाला है। बारिश के साथ बालू फिर बह जाएगा। अभी गड्ढे में डाला और बालू भरे बोरी की छल्ली रुक नहीं रही है। ऐसे में काम कर रहे मजदूरों को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। बालू के बोरी को रोकने के लिए दिनभर इंतजाम करते रहे।

बोले अधिकारी : फ‍िलहाल कोई हादसा नहीं हो, इसके लिए गड्ढे में बालू डालने के साथ पुल के नीचे बोरी में बालू भरकर छल्ली लगाई जा रही है। मौके पर अभियंता ने निरीक्षण किया है। उनकी रिपोर्ट पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। -सुग्रीव राम, अधिशासी अभियंता-पीडब्ल्यूडी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.